यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) ने भारतीय युवाओं के लिए एक नई पहल शुरू की है, जिसका नाम है नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम (NATS 2.0)। इस योजना के तहत, छात्रों को काम के साथ-साथ महत्वपूर्ण प्रशिक्षण का मौका मिलेगा, जो उन्हें विशेषज्ञता हासिल करने और बेहतर रोजगार के अवसर प्राप्त करने में मदद करेगा।
NATS 2.0 के तहत, स्टूडेंट्स को एक साल तक की 'ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग' (OJT) मिलेगी, और इस दौरान उन्हें एक स्टाइपेंड भी मिलेगा। इस योजना का लाभ बैचलर्स, डिप्लोमा होल्डर्स और प्रोफेशनल सर्टिफिकेट धारकों को मिल सकेगा। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि छात्रों को व्यावसायिक स्किल्स और जरूरी जानकारी मिले, ताकि वे भविष्य में अच्छी नौकरी पा सकें।
रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया
इस योजना का लाभ उठाने के लिए, इच्छुक उम्मीदवारों को अधिकारिक वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इस पोर्टल पर स्टूडेंट्स को अप्रेंटिसशिप के अवसर खोजने में मदद मिलेगी और सभी प्रक्रियाओं के लिए एक आसान समाधान उपलब्ध होगा। इसमें रजिस्ट्रेशन, एप्लीकेशन, वैकेंसी नोटिफिकेशन, कॉन्ट्रैक्ट क्रिएशन, सर्टिफिकेशन, और स्टाइपेंड शामिल हैं। स्टाइपेंड को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए सीधे लाभार्थियों के खाते में भेजा जाएगा।
योजना का उद्देश्य
NATS भारतीय युवाओं को व्यावसायिक कौशल और अनुभव प्रदान करने के लिए सरकार की एक प्रमुख योजना है। यह योजना 1961 के प्रशिक्षु अधिनियम के तहत 1973 में संशोधित की गई थी। इसके तहत स्नातक, डिप्लोमा होल्डर और व्यावसायिक प्रमाणपत्र धारकों को ऑन-द-जॉब-ट्रेनिंग दी जाती है, जो उन्हें उद्योग में आवश्यक कौशल प्राप्त करने में मदद करती है। UGC ने कहा है, "NATS पोर्टल प्लेसमेंट और उद्योग के ट्रेंड्स पर महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करेगा, मान्यता प्राप्त प्रमाणन देगा, कौशल अंतर को कम करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि छात्र नौकरी के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।"
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