आज के समय में, भारत में बढ़ती जनसंख्या और वाहनों की संख्या के साथ वायु प्रदूषण एक गंभीर चिंता बन चुका है। इसी को देखते हुए, ऊर्जा संक्रमण सलाहकार समिति ने 2027 तक सभी डीजल गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। इसका मुख्य उद्देश्य देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना है।
ये प्रतिबंध किस शहरों में लागू होगा?
यह प्रस्ताव केवल उन शहरों में लागू किया जाएगा जहां प्रदूषण का स्तर बहुत अधिक है और जनसंख्या एक मिलियन से ज्यादा है। साथ ही, 10 साल से पुराने डीजल वाहनों पर भी यह प्रतिबंध लागू हो सकता है। इसके अलावा, कुछ पेट्रोल वाहनों पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
डीजल कारों पर प्रतिबंध का असर
भारत में डीजल का उपयोग कुल ईंधन का एक बड़ा हिस्सा है। 2013 में, डीजल कारों की बिक्री यात्री वाहनों की बिक्री का 48% थी, लेकिन 2021-22 में यह घटकर 20% से कम हो गई। अगर प्रतिबंध लागू होता है, तो इसका असर वाहन उद्योग पर भी पड़ेगा। कई निर्माताओं ने BS VI मानकों के तहत डीजल इंजनों में निवेश किया है, जो अब बेकार हो सकता है।
प्रतिबंध का कारण
डीजल गाड़ियों से नाइट्रोजन ऑक्साइड और अन्य हानिकारक पदार्थ निकलते हैं, जो वायु प्रदूषण को बढ़ाते हैं। ये मिट्टी और पानी की गुणवत्ता को भी प्रभावित करते हैं। सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियों पर काम कर रही है, जिससे तेल आयात में कमी और वायु प्रदूषण में सुधार हो सके।
क्या आपको डीजल कार खरीदनी चाहिए?
यदि आप डीजल कार खरीदने का सोच रहे हैं, तो ध्यान रखें कि यह प्रतिबंध जल्द ही लागू हो सकता है। हाल ही में, सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने डीजल कार निर्माताओं को चेतावनी दी है कि वे इन कारों के उत्पादन पर ध्यान दें। आगे बढ़ने से पहले, अपने विकल्पों पर अच्छे से विचार करें।
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