भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के बीच मुक्त व्यापार समझौता (FTA) पर आखिरकार हस्ताक्षर हो गए हैं! यह कदम सिर्फ व्यापार के आंकड़े नहीं बढ़ाएगा, बल्कि दोनों देशों के रिश्तों को एक नई ऊंचाई तक ले जाएगा।
तीन साल की गहन बातचीत के बाद हुए इस समझौते को 24 जुलाई 2025 को लंदन में भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और यूके के वाणिज्य मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूके पीएम कीर स्टार्मर की मौजूदगी में अंतिम रूप दिया।
🔑 क्या है इस समझौते की खास बातें?
📆 समयरेखा की झलक:
· शुरुआत हुई मई 2021 में, जब बोरिस जॉनसन और मोदी जी ने 'Enhanced Trade Partnership' की घोषणा की।
· वार्ताएं तेज़ रफ्तार में जनवरी 2025 से फिर शुरू हुईं।
· 6 मई 2025 को ‘Agreement-in-Principle’ घोषित हुआ।
· 22 जुलाई 2025 को भारत की कैबिनेट से मंजूरी मिली।
👉 अब बस यूके संसद की स्वीकृति बाकी है – लागू होने में एक साल तक का समय लग सकता है।
🎯 उद्देश्य क्या है?
· द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक दोगुना करके 120 अरब डॉलर तक पहुंचाना।
· भारत से यूके को 99% निर्यात पर अब कोई शुल्क नहीं – यानी वस्त्र, चमड़ा, रत्न, समुद्री उत्पाद, ऑटो पार्ट्स आदि को बड़ी राहत।
· यूके से भारत आने वाली चीज़ें जैसे व्हिस्की, लग्जरी कारें, चॉकलेट, मेडिकल डिवाइस – इन पर भी टैक्स घटेगा।
भारत को क्या फायदे मिलेंगे?
· 95% से ज्यादा कृषि उत्पादों पर शून्य शुल्क – खासकर पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, केरल और पूर्वोत्तर राज्यों को लाभ।
· IT और हेल्थ सेक्टर के पेशेवरों को यूके में 100 अतिरिक्त वीज़ा हर साल।
· बेंगलुरु जैसे स्टार्टअप्स को लंदन के पूंजी बाजारों तक बेहतर पहुंच।
· ज्वैलरी, इलेक्ट्रॉनिक्स और समुद्री उत्पादों के निर्यात में उछाल।
यूके के लिए भी फायदे कम नहीं हैं
· भारत में 90% निर्यात पर शून्य शुल्क मिलेगा (शुरुआत में 64% लागू)।
· भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स लगाने का मौका।
· व्हिस्की पर टैक्स 150% से घटकर 75% और 10 साल में 40% तक।
· लग्जरी कारों पर शुल्क घटकर सिर्फ 10% रहेगा – जगुआर, रोल्स रॉयस अब और किफायती!
🧑💼 सेवा क्षेत्र और पेशेवरों के लिए खुशखबरी:
· IT, वित्त और योग प्रशिक्षकों जैसे स्वतंत्र पेशेवरों को यूके में काम के बेहतर अवसर।
· सामाजिक सुरक्षा टैक्स अब सिर्फ अपने देश में देना होगा – डबल टैक्स का झंझट खत्म।
· नौकरी के नए अवसर – खासकर IT और हेल्थ सेक्टर में।
⚠️ कुछ सावधानियां भी जरूरी हैं:
· भारत ने हीरा, चांदी, स्मार्टफोन, और ऑप्टिकल फाइबर जैसे संवेदनशील सेक्टरों पर कोई छूट नहीं दी।
· ब्रिटेन के कार्बन टैक्स प्रस्ताव पर भारत ने अपनी शर्तें स्पष्ट की हैं।
· पर्यावरण और श्रमिक अधिकारों पर बाध्यकारी नियमों से भारत सतर्क है।
· फार्मा पेटेंट और डेटा पर मतभेद बने हुए हैं – नीति टकरा सकती है।
📘 अन्य जानकारियाँ:
· यह भारत का 10 सालों में पहला बड़ा FTA है।
· यूके के लिए यह ब्रेक्ज़िट के बाद चौथा समझौता है।
· कुल 26 अध्यायों में व्यापार, निवेश, सेवाएं और बौद्धिक संपदा शामिल हैं।
· एक द्विपक्षीय निवेश समझौते (BIT) पर भी बातचीत जारी है।
🔮 भविष्य की तस्वीर:
हालांकि, असंतुलन और नीति टकराव जैसी चुनौतियाँ रहेंगी – लेकिन मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति और रणनीतिक सोच से ये रास्ता आसान हो सकता है।
📌 क्या आप इस समझौते के किसी खास पहलू के बारे में और जानना चाहते हैं? नीचे कमेंट करें या हमें बताएं!
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