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स्कूल जाने वाले बच्चों में क्यों बढ़ रहा मोटापा? जानिए पैरेंट्स को किन बातों का रखना चाहिए ध्यान

Kids Fitness


आज के दौर में एक बहुत ही चिंता का विषय बनता जा रहा है - बढ़ता हुआ मोटापा स्कूली बच्चों में। बदलती जीवनशैली, जंक फूड का चलन और मोबाइल का बढ़ता इस्तेमाल बच्चों की सेहत पर गहरी चोट कर रहा है।


🧒 बच्चों में मोटापा क्यों बढ़ रहा है?

AIIMS और ICMR की हालिया रिसर्च रिपोर्ट ने जो आंकड़े पेश किए हैं, वे हैरान करने वाले हैं। इस रिसर्च में दिल्ली के सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ने वाले 6 से 19 साल की उम्र के करीब 3888 बच्चों को शामिल किया गया। चौंकाने वाली बात यह है कि:

  • 2006 में निजी स्कूलों में 5% बच्चों में मोटापा था, जो अब बढ़कर 23% हो गया है।
  • लगभग 34% बच्चों में डिसलिपिडीमिया (Fat ज्यादा, मसल्स कम) पाया गया।
  • बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर, पेट की चर्बी, और छिपा मोटापा (Hidden Obesity) जैसे लक्षण तेजी से सामने आ रहे हैं।


🍔 वजह क्या है?

  • बच्चों की डाइट में जंक फूड, पैकेट स्नैक्स और तला-भुना खाना बढ़ गया है।
  • स्क्रीन टाइम (मोबाइल/टैबलेट) ज़रूरत से ज्यादा है।
  • फिजिकल एक्टिविटी यानी दौड़ना, खेलना, बाहर निकलना बहुत कम हो गया है।
  • स्कूलों की कैंटीन में हेल्दी विकल्पों की कमी भी एक बड़ी वजह है।


🧠 इससे क्या खतरे हैं?

बचपन में मोटापा सिर्फ एक शारीरिक समस्या नहीं है, बल्कि यह आगे चलकर कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है जैसे:

  • टाइप 2 डायबिटीज़
  • हृदय संबंधी बीमारियां
  • मानसिक तनाव और आत्मविश्वास की कमी
  • नींद से जुड़ी समस्याएं


👨‍👩‍👧‍👦 पैरेंट्स क्या कर सकते हैं?

  1. बच्चों की डाइट पर ध्यान दें
    • घर में हेल्दी खाना बनाएं जिसमें फाइबर और प्रोटीन भरपूर हो।
    • फ्रूट्स, हरी सब्जियां और साबुत अनाज शामिल करें।
    • मीठे और पैकेज्ड फूड से दूरी बनाएं।
  2. स्क्रीन टाइम सीमित करें
    • बच्चों के मोबाइल, टैबलेट और टीवी देखने का समय सीमित करें।
    • उन्हें रचनात्मक और खेल-कूद वाली गतिविधियों में लगाएं।
  3. फिजिकल एक्टिविटी को बढ़ावा दें
    • बच्चों को रोज़ाना कम से कम 1 घंटे किसी भी शारीरिक गतिविधि में शामिल करें - जैसे साइक्लिंग, दौड़ना, डांस या आउटडोर गेम्स।
  4. स्कूल और मिड डे मील की क्वालिटी पर नज़र रखें
    • स्कूलों में हेल्दी फूड मिले, यह सुनिश्च‍ित करना जरूरी है।
    • सरकार और स्कूल प्रशासन को इस दिशा में जागरूक बनाएं।

 

बचपन का मोटापा एक धीमा ज़हर है, जो धीरे-धीरे बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। समय रहते यदि अभिभावक और स्कूल मिलकर काम करें, तो इस समस्या पर काबू पाया जा सकता है।

👉 आज ही बच्चों की सेहत को प्राथमिकता दें! उनकी डाइट, स्क्रीन टाइम और फिजिकल एक्टिविटी का बैलेंस बनाना ही उन्हें एक बेहतर और स्वस्थ भविष्य दे सकता है।

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