आज के डिजिटल दौर में इनकम टैक्स
डिपार्टमेंट हर बड़े ट्रांजैक्शन पर कड़ी नजर रखता है। चाहे आपने बैंक में मोटा
डिपॉजिट किया हो, विदेश
यात्रा की हो या क्रेडिट कार्ड से लाखों की पेमेंट की हो - अब सब कुछ ट्रैक हो रहा है। कई बार
अनजाने में किए गए कुछ लेन-देन आपको इनकम टैक्स के नोटिस तक पहुँचा सकते हैं।
आज हम बात करेंगे 10 ऐसे
ट्रांजैक्शन की, जो इनकम टैक्स की रडार पर रहते हैं, और जिनसे जुड़ी छोटी-सी चूक भी आपको मुसीबत में
डाल सकती है।
1️ बैंक
में लाखों का डिपॉजिट और इनकम कम?
अगर आपने एक साल में बैंक में ₹10 लाख या उससे ज्यादा की रकम जमा की है, लेकिन आपके ITR में इनकम बहुत कम दिखाई है या रिटर्न ही
फाइल नहीं किया - तो
आपको इनकम
टैक्स नोटिस मिल
सकता है।
2️ क्रेडिट
कार्ड से ₹10 लाख
या ज्यादा की पेमेंट?
अगर आपने साल भर में अपने क्रेडिट कार्ड
से ₹10 लाख
या उससे अधिक खर्च किया है और आपकी डिक्लेयर की गई इनकम कम है - तो
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट पूछ सकता है: "इतना पैसा आया कहां से?"
3️ विदेश
यात्रा और कम इनकम?
अगर आपने इंटरनेशनल ट्रैवल पर ₹2 लाख या उससे ज्यादा खर्च किया है, लेकिन आपकी ITR में इनकम कम दिखाई गई है - तो
यह भी शक का कारण बन सकता है।
✈️
ट्रैवल एजेंट्स और क्रेडिट कार्ड कंपनियाँ हाई-वैल्यू खर्च की
रिपोर्ट सरकार को देती हैं।
4️ प्रॉपर्टी
खरीद-बेच और डिक्लेरेशन नहीं?
महंगी प्रॉपर्टी की खरीद या बिक्री, खासकर बार-बार - इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को इशारा करती
है कि आपकी फाइनेंशियल
हैबिट्स और
डिक्लेयर इनकम में फर्क है।
📌 प्रॉपर्टी
ट्रांजैक्शन की पूरी डिटेल ITR में
देना जरूरी है।
5️ शेयर
बाजार और म्यूचुअल फंड से मुनाफा?
अगर आपने IPO, शेयर या म्यूचुअल फंड
से अच्छा प्रॉफिट कमाया है -
तो बधाई हो! लेकिन ध्यान रहे,
उसे ITR में
दिखाना जरूरी है।
📉 वरना
आयकर विभाग मान सकता है कि आप टैक्स चोरी कर रहे हैं।
6️ FD और
सेविंग्स में मोटा पैसा?
सेविंग अकाउंट या फिक्स्ड डिपॉजिट में
अगर ₹10 लाख
या उससे ज्यादा की रकम जमा हुई है,
तो आपको उसका सोर्स बताना होगा।
📢 यह
जानकारी बैंक द्वारा सीधे सरकार को दी जाती है।
7️ गिफ्ट
या इनहेरिटेंस का पैसा?
अगर किसी ने आपको गिफ्ट में मोटी रकम दी
है या आपने विरासत में कुछ पाया है -
तो उसका प्रूफ रखना जरूरी है। बिना दस्तावेज़ के ये रकम भी
सवालों के घेरे में आ सकती है।
🎁 गिफ्ट
डिक्लेरेशन जरूरी है।
8️ किराए
से आय (Rental Income)?
अगर आप मकान मालिक हैं और किराए से
आमदनी हो रही है, तो
उसे ITR में
दिखाना जरूरी है। साथ ही TDS का
भी ध्यान रखें।
🏠 Rental Income को
छुपाना टैक्स चोरी माना जा सकता है।
9 कैश
में ₹2 लाख
से ज्यादा की खरीदारी?
सरकार कैश लेन-देन को लेकर बहुत सख्त
है। अगर आपने किसी से ₹2 लाख
से अधिक की खरीदारी कैश में की है,
तो वह रिटेलर द्वारा रिपोर्ट की जाती है।
💰 इससे
भी नोटिस आ सकता है।
10 फॉर्म 26AS और AIS से मिसमैच?
अगर आपकी डिक्लेयर इनकम, फॉर्म 26AS
या Annual Information Statement (AIS) से
मेल नहीं खाती - तो
सिस्टम ऑटोमैटिकली फ्लैग कर
देता है। इससे नोटिस ट्रिगर हो सकता है।
📄 सब
कुछ अब डिजिटल है, मिसमैच
नहीं चलेंगे।
आज के दौर में इनकम टैक्स विभाग के पास
सारी जानकारी डिजिटल रूप में होती है। आपको हर बड़े ट्रांजैक्शन को ITR में सही-सही रिपोर्ट करना चाहिए। वरना
सिर्फ एक ईमेल या SMS से
आपकी नींद उड़ सकती है।
👉 सुझाव:
- हर हाई-वैल्यू ट्रांजैक्शन का प्रूफ रखें
- ITR समय पर और सही भरें
- प्रोफेशनल से सलाह लेकर टैक्स प्लानिंग करें
📢
आपको यह जानकारी कैसी लगी?
कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं। और ऐसी ही
जरूरी जानकारियों के लिए जुड़े रहिए हमारे साथ!
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