कोरोना वायरस एक बार फिर से सुर्खियों में है, क्योंकि देश में इसके मामलों में धीरे-धीरे इज़ाफा हो रहा है। लेकिन अच्छी खबर यह है कि भारत की बड़ी आबादी में अब एक्वायर्ड इम्यूनिटी (प्राप्त प्रतिरक्षा) विकसित हो चुकी है, जो हमें गंभीर संक्रमण से बचा रही है।
क्या है एक्वायर्ड इम्यूनिटी?
एक्वायर्ड इम्यूनिटी वो प्रतिरक्षा प्रणाली होती है जो हमारे शरीर में संक्रमण से लड़ने के अनुभव या वैक्सीनेशन के जरिए विकसित होती है। जब कोई व्यक्ति एक बार वायरस से संक्रमित हो जाता है या वैक्सीन लेता है, तो शरीर में एंटीबॉडी और मेमोरी सेल्स बनते हैं जो भविष्य में उस वायरस को पहचानकर उससे लड़ने के लिए तैयार रहते हैं।
भारत में क्यों नहीं है घबराने की जरूरत?
सूत्रों के अनुसार, भारत में पिछले कुछ सालों में बड़ी संख्या में लोग या तो कोरोना संक्रमित हुए हैं या उन्होंने वैक्सीन ली है। इस वजह से अब देश में प्राकृतिक और कृत्रिम दोनों तरह की एक्वायर्ड इम्यूनिटी बन चुकी है।
इसका असर ये है कि अब भले ही लोग संक्रमित हों, लेकिन ज़्यादातर मामलों में सिर्फ हल्के लक्षण ही सामने आ रहे हैं, जैसे कि सामान्य फ्लू।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
विशेषज्ञ बताते हैं कि जब एक बड़ी जनसंख्या में एक्वायर्ड इम्यूनिटी बन जाती है, तो वायरस का प्रसार धीमा हो जाता है और गंभीर मामलों की संभावना बहुत कम हो जाती है।
क्या कोई नया वेरिएंट चिंता का कारण है?
फिलहाल जो उछाल देखा जा रहा है, वो ओमिक्रोन के सबवेरिएंट्स की वजह से है, जो कि ज्यादा गंभीर नहीं हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में 1 मई तक कोविड के कुल 3395 एक्टिव केस थे, जो कि एक बड़ी आबादी के मुकाबले बहुत कम हैं।
सतर्क रहें, लेकिन डरें नहीं
भारत की जनता अब कोरोना से लड़ने के लिए पहले से ज़्यादा तैयार है। वैक्सीनेशन और पहले हुए संक्रमणों ने हमें वो इम्यूनिटी दे दी है जो बार-बार होने वाले संक्रमण से हमें बचा रही है।
आपकी राय क्या है?
क्या आपको लगता है कि एक्वायर्ड इम्यूनिटी ने भारत को कोरोना के नए खतरों से बचा लिया है? कमेंट में अपनी राय ज़रूर दें!
🛡️ स्वस्थ रहें, सतर्क रहें!
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