भारत में सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम 2005 से लागू है, जिसका उद्देश्य है आम नागरिकों को
सरकारी कामकाज की पारदर्शिता सुनिश्चित करना। लेकिन अब 2025 में इस व्यवस्था में
एक बड़ा बदलाव आया है।
✅
RTI 2025 का नया अपडेट क्या है?
👉 16 जून
2025 से RTI
आवेदन ऑनलाइन करते समय
ईमेल OTP वेरिफिकेशन अनिवार्य
कर दिया गया है। यानी अब कोई भी व्यक्ति तभी जानकारी मांग पाएगा, जब उसका ईमेल पता वैध हो और वह OTP वेरिफाई कर ले।
📌
यह बदलाव क्यों किया गया?
पिछले कुछ सालों में RTI पोर्टल पर लगातार साइबर अटैक, फर्जी आवेदन और डेटा
लीकेज जैसी
घटनाएं बढ़ रही थीं।
- करीब
7–8% आवेदन स्पैम या फर्जी पाए गए।
- CERT-In
(भारत की साइबर सिक्योरिटी एजेंसी)
ने चेतावनी दी कि पोर्टल पर खतरा बढ़ रहा है।
इसलिए सरकार ने RTI पोर्टल को सुरक्षित और पारदर्शी बनाने
के लिए मल्टी-फैक्टर
ऑथेंटिकेशन (OTP जैसी
व्यवस्था) लागू की है।
🔒
नए नियम के फायदे:
- ✅ साइबर सुरक्षा
मजबूत होगी।
- ✅ फर्जी आवेदन की
संभावना घटेगी।
- ✅ सरकारी डेटा की
गोपनीयता बनी रहेगी।
- ✅ केवल वास्तविक
नागरिक ही आवेदन कर सकेंगे।
⚠️ किन लोगों को होगी
परेशानी?
यह बदलाव सभी के लिए सुविधाजनक नहीं है।
कुछ प्रमुख समस्याएं:
- ❌ ग्रामीण और
तकनीकी रूप से पिछड़े लोग
ईमेल या OTP प्रोसेस नहीं
समझ पाते।
- ❌ स्मार्टफोन और
इंटरनेट की कमी अब आवेदन में बाधा बन सकती है।
- ❌ डिजिटल साक्षरता की
कमी वाले नागरिक ऑनलाइन प्रक्रिया में पिछड़ सकते हैं।
- ❌ दिव्यांग, बुजुर्ग और
अशिक्षित नागरिकों
को आवेदन में मुश्किल होगी।
🧠
विशेषज्ञों के सुझाव:
- 🔁 OTP वेरिफिकेशन
को वैकल्पिक बनाया जाए -
जिसे सुविधा है वह करे, बाकी ऑफलाइन
विकल्प चुनें।
- 📱 मोबाइल
OTP विकल्प
जोड़ा जाए - क्योंकि अधिकतर
लोगों के पास मोबाइल तो होता है।
- 💬 RTI हेल्पलाइन
या चैटबॉट की सुविधा हो ताकि आवेदन प्रक्रिया को समझाया जा सके।
- 🧓 वरिष्ठ
नागरिक और दिव्यांगजनों
के लिए अलग प्रक्रिया बने।
📜
RTI अधिनियम की खास बातें
- 📌 किसी भी पब्लिक
अथॉरिटी से
सूचना मांगी जा सकती है - जैसे केंद्र/राज्य सरकार,
पंचायत, नगरपालिका, सरकारी सहायता
प्राप्त संस्थान आदि।
- 📌 आवेदन के जवाब
के लिए अधिकतम 30 दिन का
समय है।
- 📌 अगर सूचना जीवन
या स्वतंत्रता से जुड़ी हो,
तो 48 घंटे में जवाब
देना अनिवार्य है।
- 📌 अनुच्छेद
19(1)(a) के तहत नागरिकों
को सूचना पाने का मौलिक अधिकार है।
❗
क्या RTI से हर जानकारी मिलती
है?
RTI अधिनियम
की धारा
8
के तहत कुछ जानकारियाँ नहीं दी जा सकतीं:
- 🔐 राष्ट्रीय
सुरक्षा से जुड़ी सूचना
- 🌍 विदेश नीति या
अंतरराष्ट्रीय संबंधों से जुड़ी जानकारी
- ⚖️ न्यायिक
कार्यवाही से संबंधित सूचना
- 🧾 गोपनीय
व्यावसायिक दस्तावेज
📈
2023 के RTI आंकड़े
- 📬 25 लाख
से अधिक ऑनलाइन आवेदन
- 🚫 7–8% आवेदन
फर्जी पाए गए
- ⚠️ 13 लाख
से ज्यादा साइबर हमले CERT-In
द्वारा रिपोर्ट किए गए
🔍
आगे का रास्ता क्या है?
RTI 2025 के
नए नियमों का उद्देश्य साइबर
सुरक्षा और पारदर्शिता बढ़ाना
है, लेकिन
इसके साथ डिजिटल
विभाजन की
समस्या भी आ रही है। सरकार को तकनीकी बदलावों के साथ-साथ समावेशी नीतियों पर
भी ध्यान देना होगा।
क्या आप मानते हैं कि
RTI के
लिए OTP वेरिफिकेशन
जरूरी होना चाहिए या इसे वैकल्पिक रखा जाना चाहिए?
कमेंट में जरूर बताएं।
📌 अगर
यह जानकारी उपयोगी लगी हो, तो
इसे शेयर करें और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बनें।
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