अगर आप भी रोजाना खाना बनाने के लिए तेल खरीदते हैं, तो आपके लिए एक बड़ी खुशखबरी है। सरकार ने खाने के तेल पर इंपोर्ट ड्यूटी में भारी कटौती का फैसला किया है, जिससे जल्द ही तेल के दाम में कमी देखने को मिल सकती है।
सरकार ने पाम, सोयाबीन और सनफ्लावर तेल की इंपोर्ट ड्यूटी को 20% से घटाकर 10% कर दिया है। इसका मतलब है कि बाजार में खाना पकाने का तेल अब सस्ता हो सकता है, जिससे आम परिवारों को फायदा होगा।
पिछले साल सितंबर में इंपोर्ट ड्यूटी 0% से बढ़ाकर 20% कर दी गई थी, जिससे तेल की कीमतें बढ़ गई थीं। अब इस फैसले के बाद इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा और घरेलू उत्पादन को भी सपोर्ट मिलेगा।
इस फैसले पर इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स के अलग-अलग विचार भी सामने आए हैं। कुछ का मानना है कि यह कदम रिफाइनिंग इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा प्लस है, जिससे रोजगार बढ़ेगा और उत्पादन बेहतर होगा। वहीं कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि किसान और लोकल क्रशिंग इंडस्ट्री के हितों का भी ध्यान रखना जरूरी है, ताकि किसानों को उचित दाम मिले और स्थानीय उद्योग भी मजबूत बने।
सरकार ने एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) भी बढ़ाया है, ताकि किसानों को उनकी फसलों के लिए सही मूल्य मिले। हालांकि, किसान और इंडस्ट्री दोनों के हितों के बीच संतुलन बनाए रखना जरूरी है।
आगे आने वाले महीनों में नई फसलों के साथ इस निर्णय का असर तेल की कीमतों और बाजार पर साफ नजर आएगा।
तो क्या आप भी सोचते हैं कि इस ड्यूटी कटौती से तेल के दाम सच में कम होंगे? या फिर इस फैसले से किसानों और इंडस्ट्री में किसी को नुकसान होगा? नीचे कमेंट करके अपनी राय जरूर दें!
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