भारत के दूरसंचार क्षेत्र को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए, दूरसंचार विभाग (DoT) की तकनीकी शाखा, दूरसंचार इंजीनियरिंग केंद्र (TEC) और IIIT-दिल्ली ने एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। यह साझेदारी भविष्य के लिए तैयार तकनीकों, वैश्विक मानकीकरण और भारत-विशिष्ट दूरसंचार मानकों के विकास में तेज़ी लाने में मदद करेगी।
साझेदारी के प्रमुख उद्देश्य
यह समझौता भारत को 6G, ऑप्टिकल संचार और NTN जैसे अगली पीढ़ी के नेटवर्क में एक वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य यह भी है:
- भारत-विशिष्ट मानक और परीक्षण ढाँचे विकसित करना
- 5G/6G और ICT क्षेत्रों में सहयोगात्मक अनुसंधान
- राष्ट्रीय कार्य समूहों के माध्यम से ITU-T में भारत की भागीदारी को बढ़ाना
19 नवंबर, 2025 को, TEC के उप महानिदेशक (फिक्स्ड एक्सेस) श्री राकेश देसाई और IIIT-दिल्ली के सहायक प्रोफेसर डॉ. अभिजीत मित्रा ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस कार्यक्रम में संस्थान के निदेशक डॉ. रंजन बोस, TEC के उप महानिदेशक (प्रशासन) श्री पवन गुप्ता और ECE विभाग के डॉ. विवेक अशोक बोहरा भी उपस्थित थे।
सहयोग के प्रमुख तकनीकी क्षेत्र
1. दूरसंचार में AI का उपयोग
- AI-आधारित नेटवर्क अनुकूलन
- नेटवर्क विसंगति का पता लगाना
- पूर्वानुमानित रखरखाव
- ट्रैफ़िक प्रबंधन
- AI-संचालित नीति प्रवर्तन
2. 5G और 6G प्रौद्योगिकियाँ
मिलीमीटर तरंग, MIMO प्रणालियों, विषम नेटवर्क और उन्नत वायरलेस तकनीकों पर संयुक्त अनुसंधान और मानकीकरण।
3. SDN और NFV
नेटवर्क को अधिक लचीला, सुरक्षित और स्मार्ट बनाने के लिए सॉफ़्टवेयर-परिभाषित नेटवर्क और नेटवर्क फ़ंक्शन वर्चुअलाइज़ेशन पर संयुक्त अध्ययन।
4. ऑप्टिकल वायरलेस संचार / Li-Fi
ग्रामीण और रक्षा क्षेत्रों के लिए उच्च गति, कम विलंबता और सुरक्षित ऑप्टिकल वायरलेस कनेक्टिविटी पर संयुक्त अनुसंधान और मानकीकरण।
5. नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियाँ (RET)
दूरसंचार उपकरणों की ऊर्जा दक्षता बढ़ाने के लिए ICT-आधारित समाधान विकसित करना।
देश को इससे क्या लाभ होगा?
✔ भारत में स्वदेशी अनुसंधान एवं विकास को नई गति मिलेगी
✔ आईटीयू और 3जीपीपी जैसे वैश्विक मंचों में भारत की भागीदारी और नेतृत्व में वृद्धि
✔ दूरसंचार क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को सुदृढ़ करना
✔ देश में भारत-विशिष्ट मानकों और परीक्षण ढाँचों का विकास
✔ महत्वपूर्ण संचार अवसंरचना की सुरक्षा और आयात निर्भरता में कमी
टीईसी क्या है?
दूरसंचार इंजीनियरिंग केंद्र (टीईसी) दूरसंचार विभाग का प्रमुख तकनीकी निकाय है, जो भारत में दूरसंचार उपकरणों और नेटवर्क के लिए तकनीकी मानकों, गुणवत्ता मानकों और अनुरूपता आवश्यकताओं को तैयार करता है। यह आईटीयू-टी और आईटीयू-आर जैसे अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व करता है।
आईआईआईटी-दिल्ली के बारे में
आईआईआईटी-दिल्ली एक प्रमुख राष्ट्रीय संस्थान है जो 5जी/6जी, ऑप्टिकल संचार, उन्नत दूरसंचार और आईसीटी के क्षेत्रों में अपनी मजबूत अनुसंधान और शैक्षणिक क्षमताओं के लिए जाना जाता है। यह भारत के उच्च-स्तरीय नवाचार और तकनीकी विकास को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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