केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार
नौकरी करने वालों के लिए बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर रही है. CNBC आवाज़ को सूत्रों से मिली जानकारी के
मुताबिक, सरकार कर्मचारियों के पीएफ (PF-Provident Fund) से जुड़े नियमों में बदलाव करने की
तैयारी में है. अब कर्मचारियों का पीएफ काटकर उसे जमा नहीं कराने वाली कंपनियां
नहीं बच पाएंगी बल्कि उनपर सख्त कार्रवाई भी होगी. सरकार इसके लिए श्रम कानूनों (Labour Law Change Soon) में बड़े बदलाव करने जा रही है. इतना
ही नहीं कंपनी अगर पीएफ नहीं देने के लिए बहानेबाजी करती है या गलत जानकारी देती
है तो भी उस पर कठोर कार्रवाई होगी. साथ ही नए कानून में जेल का भी प्रावधान किया
गया है.
पीएफ से जुड़े कानूनों में बड़े बदलाव की तैयारी शुरू- सरकार,पीएफ जमा नहीं कराने वाली कंपनियों पर सख्त कार्रवाई करने के लिए कानून बदलने जा रही है. श्रम मंत्रालय ने मौजूदा नियमों में बदलाव की तैयारी शुरू कर दी है.
होगी सख्त कार्रवाई- कर्मचारी का पीएफ जमा नहीं करने वाली कंपनियों की पेनाल्टी में होगी दस गुना की बढ़ोतरी करने की तैयारी है यानी श्रम मंत्रालय ने पेनल्टी को 10 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये करने का किया प्रावधान किया है. कर्मचारियों का पीएफ जमा नहीं करने पर बढ़ी पेनाल्टी के साथ जेल भेजने की भी योजना है.
पीएफ से जुड़े कानूनों में बड़े बदलाव की तैयारी शुरू- सरकार,पीएफ जमा नहीं कराने वाली कंपनियों पर सख्त कार्रवाई करने के लिए कानून बदलने जा रही है. श्रम मंत्रालय ने मौजूदा नियमों में बदलाव की तैयारी शुरू कर दी है.
होगी सख्त कार्रवाई- कर्मचारी का पीएफ जमा नहीं करने वाली कंपनियों की पेनाल्टी में होगी दस गुना की बढ़ोतरी करने की तैयारी है यानी श्रम मंत्रालय ने पेनल्टी को 10 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये करने का किया प्रावधान किया है. कर्मचारियों का पीएफ जमा नहीं करने पर बढ़ी पेनाल्टी के साथ जेल भेजने की भी योजना है.
पीएम जमा
नहीं करने पर होगी जेल- पीएफ जमा नहीं करने
पर एक साल से 3
साल जेल जाने का प्रावधान है. कंपनी अगर पीएफ देने से बचने के लिए
गलत जानकारी देती है तो भी सख्त कार्रवाई होगी. सरकार कंपनियों की तरफ से कर्मचारियों का पीएफ जमा न करने की
लगातर बढ़ती शिकायतों के चलते इसमें बदलाव कर रही है. नए सोशल सिक्युरिटी कोड का
हिस्सा होंगी ईम्प्लाई प्रोविडेंट फंड एक्ट 1952 में किए गए हैं बदलाव की सिफारिशें है.
आपको बता दें कि एम्प्लॉइज प्रॉविडेंट फंड (Employee Provident Fund) यानी EPF सैलरी पाने वाले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद आर्थिक फायदा देने वाली स्कीम है, जो एम्प्लॉइज़ प्रॉविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन द्वारा चलाई जाती है. इसकी ब्याज दरें सरकार तय करती है. हर महीने कंपनी सभी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी से 12 फीसदी पैसा काटकर PF के खाते में डाल देती है.
कर्मचारियों के साथ-साथ कंपनी की ओर से भी 12 फीसदी पैसा उस कर्मचारी के PF खाते में डाला जाता है. मौजूदा नियमों के मुताबिक, कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में कर्मचारी और कंपनी दोनों का 12-12 फीसदी अंशदान (Contribution) होता है. ऑर्गनाइज्ड सेक्टर के कर्मचारी और नियोक्ता (कंपनी) दोनों को बेसिक सैलरी का 12 फीसदी हिस्सा हर महीने प्रोविडेंट फंड में जमा करना होता है.
आपको बता दें कि एम्प्लॉइज प्रॉविडेंट फंड (Employee Provident Fund) यानी EPF सैलरी पाने वाले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद आर्थिक फायदा देने वाली स्कीम है, जो एम्प्लॉइज़ प्रॉविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन द्वारा चलाई जाती है. इसकी ब्याज दरें सरकार तय करती है. हर महीने कंपनी सभी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी से 12 फीसदी पैसा काटकर PF के खाते में डाल देती है.
कर्मचारियों के साथ-साथ कंपनी की ओर से भी 12 फीसदी पैसा उस कर्मचारी के PF खाते में डाला जाता है. मौजूदा नियमों के मुताबिक, कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में कर्मचारी और कंपनी दोनों का 12-12 फीसदी अंशदान (Contribution) होता है. ऑर्गनाइज्ड सेक्टर के कर्मचारी और नियोक्ता (कंपनी) दोनों को बेसिक सैलरी का 12 फीसदी हिस्सा हर महीने प्रोविडेंट फंड में जमा करना होता है.

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