शारदीय नवरात्रि का पर्व भक्तों के लिए
अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है। नवरात्रि की अष्टमी
तिथि को मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां
महागौरी की विधिवत पूजा की जाती है। इस दिन उपवास रखा जाता है और
साथ ही कन्या पूजन का भी विशेष महत्व
होता है।
मान्यता है कि अष्टमी
के दिन कन्या पूजन करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और सभी मनोकामनाएं
पूर्ण करती हैं। इस साल शारदीय नवरात्र की
अष्टमी तिथि मंगलवार, 30 अक्टूबर
2025 को पड़ रही है। आइए जानते हैं इस दिन पूजन विधि और शुभ
मुहूर्त के बारे में।
🌸 मां महागौरी की पूजा विधि (Maa Mahagauri Puja Vidhi)
·
अष्टमी के दिन
प्रातः स्नान कर पीले या सफेद
वस्त्र धारण करें।
·
पूजा स्थल को साफ
कर घी का दीपक जलाएं और मां महागौरी का ध्यान करें।
·
उन्हें सफेद या पीले फूल, फल और मिठाई अर्पित करें।
·
भोग लगाने के बाद मां की आरती करें और अपनी मनोकामनाएं निवेदित करें।
🙏 अष्टमी कन्या पूजन विधि (Ashtami Kanya Pujan Vidhi in Hindi)
नवरात्र केवल उपवास और पूजा का पर्व नहीं
है, यह नारी शक्ति के सम्मान का भी उत्सव है। अष्टमी और
नवमी को कन्या पूजन की विशेष परंपरा
होती है। इस दिन 2 साल से 10 साल तक की कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप मानकर पूजते हैं।
कन्या पूजन कैसे करें:
1. अष्टमी
से एक दिन पहले कन्याओं को आमंत्रित करें।
2. शुभ मुहूर्त में जब वे घर आएं, तो फूलों
की वर्षा से उनका स्वागत करें।
3. उनके पैर
धोकर उन्हें साफ स्थान पर बैठाएं।
4. तिलक
करें, हाथ में कलावा बांधें।
5. हलवा,
पूड़ी और चने का भोग लगाएं।
6. अंत में उन्हें उपहार देकर आशीर्वाद लें और "जय माता दी" का उद्घोष
करें।
⏰ कन्या पूजन के शुभ मुहूर्त (Ashtami Kanya Pujan Shubh Muhurat 2025)
30 अक्टूबर 2025
को अष्टमी पर कन्या पूजन के लिए तीन
प्रमुख शुभ मुहूर्त होंगे:
·
प्रथम मुहूर्त: सुबह 5:01 से 6:13 बजे तक
·
द्वितीय मुहूर्त: सुबह 10:41 से दोपहर 12:11 बजे तक
·
तृतीय मुहूर्त: सुबह 11:47 से दोपहर 12:35 बजे तक
इनमें से किसी भी समय आप कन्या पूजन कर
सकते हैं।
🔔 महत्वपूर्ण टिप्स:
·
कन्या पूजन में श्रद्धा और शुद्धता का विशेष ध्यान रखें।
·
कन्याओं के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करें।
·
पूजन के बाद अपने
सामर्थ्य के अनुसार उन्हें उपहार दें।
शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि न केवल
मां महागौरी की कृपा प्राप्त करने का दिन है, बल्कि कन्या पूजन के माध्यम से नारी
शक्ति के सम्मान का प्रतीक भी है। इस दिन की गई पूजा और सेवा न केवल धार्मिक
लाभ देती है, बल्कि मानवता का संदेश भी देती है। शुभ मुहूर्त में पूजन कर मां
दुर्गा की कृपा प्राप्त करें।
जय माता दी
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