नूरपुरबेदी से सठे गांव आजमपुर बाईपास पर ददर्नाक हादसे में जंगलात विभाग के बेलदार की मौत हो गई। मृतक की पहचान सुखविंदर सिंह (45) गांव सरथली के रूप में हुई है। हादसा इतना भयानक था कि 200 मीटर सड़क पर शव के टुकड़े व रक्त के धब्बे पड़े हुए थे। सुबह खुरचकर शव को समेटा गया। वहीं, इस घटना ने इंसानियत को भी शर्मशार कर दिया है। सड़क पर गिरे व्यक्ति को उठाने की बजाय दर्जनों वाहन शव के ऊपर से रातभर गुजरते रहे लेकिन किसी ने शव को किनारे लगाने की कोशिश नहीं की। पुलिस को दिए बयान में मृतक के पुत्र अमनदीप सिंह ने बताया कि पिता जंगलात विभाग में नौकरी करते हैं। उनकी ड्यूटी 24 घंटे होती है। वीरवार रात को जब वह खाना खाने घर नहीं आए तो परिवार ने पूरी रात उनकी तलाश की। सुबह गांव के पूर्व सरपंच का फोन आया कि आजमपुर बाईपास के पास एक व्यक्ति की लाश मिली है। मौके पर जाकर देखा ताे शव पर जो कपड़े थे, वह पिता के थे और उनकी जेब से एक डायरी भी मिली।
बेटा बोला-किसी ने साजिश के तहत पिता की हत्या की
मृतक के बेटे अमनदीप ने आरोप लगाया कि पिता का किसी ने साजिश के तहत कत्ल कर सड़क के किनारे फेंका है ताकि यह दुर्घटना का केस लगे। पुलिस ने मृतक के पुत्र के बयान पर मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। थाना प्रभारी नूरपुरबेदी जतिन कपूर ने कहा कि पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है। गौर हो कि नूरपुरबेदी क्षेत्र के जंगलों में खैर और अन्य पेड़ों की कटाई सर्दी के मौसम में जोरों से होती है। हाल ही में मृतक सुखविंदर जंगलात विभाग में पक्का हुआ था। बेटे के बयान के बाद मामला जंगल माफिया से जुड़ सकता है।

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