🔍 क्यों चर्चा में है WMO की रिपोर्ट?
🧭 यह रिपोर्ट दुनिया को एक बार फिर जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरे के प्रति आगाह करती है।
🌐 WMO क्या है?
इस संगठन की रिपोर्टें वैश्विक जलवायु नीति निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
📊 रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
🌡️ तापमान वृद्धि का पूर्वानुमान
· 2025 से 2029 के बीच वैश्विक औसत तापमान पूर्व-औद्योगिक स्तर (1850-1900) से 1.2°C से 1.9°C अधिक रह सकता है।
· 86% संभावना है कि इन 5 वर्षों में कोई 1 साल 1.5°C की सीमा को पार कर जाएगा (जो पेरिस समझौते की चेतावनी सीमा है)।
· 70% संभावना है कि 5 वर्षों का औसत तापमान भी इस सीमा को पार कर जाएगा।
❄️ आर्कटिक में तेजी से गर्मी
· आर्कटिक क्षेत्र दुनिया की तुलना में तीन गुना तेजी से गर्म हो रहा है।
· शीतकाल (नवंबर–मार्च) में औसत तापमान 2.4°C अधिक रहने की संभावना है।
🌧️ वर्षा पैटर्न में बदलाव
· उत्तरी यूरोप, साहिल क्षेत्र, अलास्का और साइबेरिया में वर्षा बढ़ेगी।
· अमेज़न में शुष्कता बढ़ेगी।
· दक्षिण एशिया में असामान्य वर्षा की संभावना बनी रहेगी।
🌊 महासागर और वातावरण की स्थिति
· लंबी लानीना की स्थितियाँ बनी रह सकती हैं।
· अंटार्कटिका पर कम वायुमंडलीय दबाव जारी रहने की संभावना है।
🚨 क्या है इसका प्रभाव?
· पारिस्थितिकी तंत्र को अस्थिर कर सकता है।
· मानव स्वास्थ्य, खेती, पानी की उपलब्धता, और आपदाओं पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।
· कुछ क्षेत्रों में बाढ़, तो कहीं सूखा बढ़ सकता है।
🌱 समाधान क्या है?
✅ शमन (Mitigation)
· ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कटौती
· स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देना
✅ अनुकूलन (Adaptation)
· जलवायु लचीलापन विकसित करना
· आपदा प्रबंधन, जल संरक्षण और कृषि सुधार
✅ अंतरराष्ट्रीय सहयोग
· पेरिस समझौते जैसे मंचों के जरिए वैश्विक साझेदारी को मजबूत करना
· जलवायु वित्त और तकनीक हस्तांतरण में सहयोग
✅ निगरानी और अनुसंधान
· जलवायु परिवर्तन पर सटीक पूर्वानुमान के लिए विज्ञान और डेटा में निवेश
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