जालंधर, 2 जून: पराली जलाने की समस्या को जड़ से खत्म करने और खेती में मशीनीकरण को बढ़ावा देने के लिए जालंधर जिला प्रशासन ने एक अहम कदम उठाया है। डिप्टी कमिश्नर डॉ. हिमांशु अग्रवाल की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति की बैठक में किसानों को सब्सिडी पर कृषि मशीनरी देने के लिए लॉटरी के ज़रिए चयन किया गया।
✅ कौन-कौन सी स्कीमें हैं शामिल?
इस प्रक्रिया के तहत दो प्रमुख योजनाएं शामिल हैं:
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फसल अवशेष प्रबंधन योजना (CRM स्कीम)
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सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन (SMAM स्कीम)
इन योजनाओं के माध्यम से किसानों और कस्टम हायरिंग सेंटरों को अत्याधुनिक मशीनरी दी जा रही है, जिससे पराली का सही तरीके से प्रबंधन किया जा सके।
📅 कब हुए थे आवेदन?
👉 कृषि विभाग के पोर्टल agrimachinerypb.com पर 22 अप्रैल से 12 मई 2025 तक आवेदन लिए गए थे।
🎉 कितनी मशीनें दी जाएंगी?
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✅ CRM योजना के तहत:
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154 मशीनें व्यक्तिगत किसानों को
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38 मशीनें कस्टम हायरिंग ग्रुप्स को
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✅ SAAM योजना के तहत:
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57 मशीनें व्यक्तिगत किसानों को
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12 कस्टम हायरिंग सेंटरों को
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✅ इसके साथ ही धान के विकल्प के रूप में मक्का की खेती को बढ़ावा देने के लिए 78 न्यूमैटिक प्लांटर्स की भी मंज़ूरी दी गई है।
🕒 कितने दिन में खरीदनी होगी मशीन?
चयनित लाभार्थियों को 14 दिनों के भीतर मशीनरी खरीदने की अनुमति दी गई है।
📞 कहाँ से लें अधिक जानकारी?
किसान भाई और बहनें योजना से जुड़ी जानकारी के लिए यहां संपर्क कर सकते हैं:
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✔️ agrimachinerypb.com पोर्टल
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✔️ जिला कृषि अधिकारी कार्यालय
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✔️ कृषि अभियंता (संयुक्त) कार्यालय, जालंधर
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✔️ नज़दीकी कृषि ब्लॉक ऑफिस
🙏 डिप्टी कमिश्नर का संदेश:
"कृपया पराली को जलाने से बचें और इन मशीनों का पूरा उपयोग कर पर्यावरण को सुरक्षित बनाएं।"
📢 यह पोस्ट किसानों के लिए है जो चाहते हैं:
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कम लागत में आधुनिक खेती
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पराली जलाने से बचाव
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सरकारी सब्सिडी का पूरा लाभ
👉 इसे अपने किसान मित्रों के साथ ज़रूर शेयर करें ताकि सभी को इस योजना का लाभ मिल सके!
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