आज हम एक बहुत अहम और आम
लोगों से जुड़ा हुआ मुद्दा डिस्कस कर रहे हैं - अगर कोई व्यक्ति लोन नहीं
चुका पाता तो बैंक उसके खिलाफ क्या कार्रवाई करता है?
यह जानना जरूरी है क्योंकि
लोन तो आजकल लगभग हर कोई लेता है - चाहे वो पर्सनल
लोन, क्रेडिट कार्ड, होम लोन, कार लोन, गोल्ड लोन,
या फिर किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) क्यों न हो।
🔍 लोन
कितने प्रकार के होते हैं?
लोन दो तरह के होते हैं:
1.
सिक्योर्ड
लोन – इसमें कुछ चीज़ (जैसे घर, कार, गोल्ड)
गिरवी रखी जाती है।
2.
अनसिक्योर्ड
लोन – इसमें कोई गिरवी नहीं रखी जाती, जैसे पर्सनल लोन या क्रेडिट
कार्ड।
📌 अगर लोन
नहीं चुकाया तो क्या होगा?
(लोन डिफॉल्ट के स्टेप्स)
✅ Step 1: EMI मिस होते
ही कॉल्स शुरू
- पहली EMI मिस होते ही बैंक की कॉल सेंटर टीम कॉल करना शुरू कर देती
है।
- अधिकतर लोग गलती से EMI
भूल जाते हैं, इसलिए शुरुआती
कॉल्स सिर्फ रिमाइंडर के लिए होती हैं।
✅ Step 2: 30 से 90 दिन - फॉलोअप
तेज
- अब बैंक की कलेक्शन टीम घर तक भी पहुंच सकती है।
- बातचीत का मकसद है आपको पेमेंट के लिए राज़ी करना।
✅ Step 3: 90 दिन बाद - अकाउंट
होता है NPA (Non Performing
Asset)
- अब मामला गंभीर हो जाता है।
- बैंक आपको तीन लीगल नोटिस भेज सकता है:
- Section 138 (Auto
debit या चेक बाउंस का केस)
- Loan Recall Notice (LRN)
- Demand Legal Notice (DLN)
⚖️ बैंक की कार्रवाई कैसे होती है अलग-अलग लोन टाइप्स पर?
🏠 होम लोन
- बैंक आपका घर नीलाम कर सकता है।
- इसके लिए SARFAESI Act 2002 के तहत कार्रवाई होती है।
- लेकिन कोर्ट से हर केस में नीलामी की मंज़ूरी नहीं मिलती।
🚗 कार लोन
- बैंक कोर्ट से परमिशन लेकर गाड़ी जब्त कर सकता है।
- गाड़ी बेचकर जो रकम मिलती है, उतने का लोन घटा
दिया जाता है।
💰 गोल्ड
लोन
- बैंक को अधिकार है कि वह गिरवी रखा गोल्ड बेचकर अपना पैसा
वसूल ले।
- इसमें कोई सेटलमेंट का ऑप्शन नहीं होता क्योंकि सोना बैंक
के पास ही होता है।
🧾 पर्सनल
लोन और क्रेडिट कार्ड
- ये अनसिक्योर्ड लोन होते हैं।
- बैंक कानूनी कार्रवाई करता है लेकिन लास्ट स्टेज में
"सेटलमेंट" का ऑप्शन देता है।
🧠 लोन
सेटलमेंट क्या होता है?
अगर आप लोन नहीं चुका पा
रहे और बैंक को भी पता है कि आपसे पूरी रकम वसूलना मुश्किल है, तो वह
आपको "सेटलमेंट" का ऑफर दे सकता है।
🤝 सेटलमेंट
का मतलब:
- बैंक ब्याज और पेनल्टी माफ कर सकता है।
- आपको सिर्फ कुछ हिस्सा देना होता है – लेकिन...
- आपका CIBIL
स्कोर बुरी तरह प्रभावित होता है।
🛑 चाहे ₹1 का भी कंसेशन मिला हो, CIBIL पर "सेटल्ड"
स्टेटस जुड़ जाता है – इसका मतलब है: भविष्य में लोन मिलना मुश्किल।
👨🌾 किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) का क्या
होता है?
- KCC लोन एक
संवेदनशील मामला होता है।
- बैंक किसान की जमीन को जब्त नहीं करता, भले ही वह गिरवी
रखी हो।
- सेटलमेंट का रास्ता अपनाया जाता है, लेकिन रिकवरी
बहुत सीमित होती है।
📱 कंज़्यूमर
ड्यूरेबल लोन (टीवी, मोबाइल आदि) का क्या?
- बैंक आपके घर से सामान नहीं उठाता।
- इस तरह के लोन को भी पर्सनल लोन की तरह ट्रीट किया जाता
है।
- रिकवरी के लिए फोन कॉल और बातचीत ही होती है।
🔚 नतीजा
क्या निकला?
स्थिति |
बैंक क्या करता है? |
EMI मिस
हुई |
कॉल और रिमाइंडर |
30–90 दिन |
कलेक्शन टीम फॉलोअप |
90 दिन
के बाद |
केस NPA – लीगल
नोटिस |
180 दिन
बाद |
सेटलमेंट की पेशकश |
सिक्योर्ड लोन |
ऑक्शन या जब्ती संभव |
अनसिक्योर्ड लोन |
सिर्फ बातचीत और कोर्ट केस |
📝 कुछ
ज़रूरी बातें:
- सेटलमेंट करने से पहले बैंक की स्टेटमेंट जरूर लें।
- ब्याज और पेनल्टी को हटवा कर मूलधन पर बात करें।
- पूरा पेमेंट करने पर ही CIBIL
स्कोर बचता है।
- सेटलमेंट केवल मजबूरी में ही करें।
लोन लेना आसान है, लेकिन समझदारी
से चुकाना और ज़रूरत के मुताबिक सही फैसले लेना और भी जरूरी है। अगर आप किसी तरह की वित्तीय परेशानी में हैं, तो बैंक
से खुलकर बातचीत करें - क्योंकि हर समस्या का समाधान है, बशर्ते आप छुपें
नहीं, सामने आकर हल ढूंढें।
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