क्यों जरूरी होता है ITR फाइल करना मृत्यु के
बाद?
- FD पर ब्याज
- किराया (Rent)
- शेयर या म्यूचुअल फंड से डिविडेंड
इन सभी मामलों में ITR फाइल करना अनिवार्य होता है।
कौन फाइल करता है मृत
व्यक्ति का ITR?
मृत व्यक्ति की ओर से उसका
'लीगल
हैर' यानी
कानूनी वारिस ITR फाइल
करता है। ये लीगल हैर कोई भी हो सकता है:
- बेटा या बेटी
- पति या पत्नी
- या वसीयत में नामित कोई व्यक्ति
स्टेप बाय स्टेप
प्रक्रिया: मृत्यु के बाद ITR
कैसे फाइल करें?
1
लीगल हैर का रजिस्ट्रेशन करें
- सबसे पहले
Income Tax
e-filing पोर्टल
पर लॉगिन करें।
- लीगल हैर के रूप में रजिस्ट्रेशन की रिक्वेस्ट डालें।
- नीचे दिए गए डॉक्यूमेंट्स अपलोड करें:
- मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate)
- मृत व्यक्ति और लीगल हैर का PAN कार्ड
- आधार कार्ड या अन्य पहचान पत्र
- वसीयत की कॉपी या लीगल हैर सर्टिफिकेट
2
इनकम की सही कैलकुलेशन करें
- मृत्यु की तारीख तक जितनी भी आय हुई है, उसका पूरा हिसाब
लगाएं।
- इनकम के अनुसार ITR-1
या ITR-2
फॉर्म चुनें।
- सभी कटौतियों (जैसे: 80C,
80D आदि) का फायदा उठाएं।
3
रिटर्न फाइल करें और वेरिफाई करें
- रिटर्न भरने के बाद आधार OTP
या Digital
Signature से वेरिफाई करें।
- रिफंड क्लेम करने के लिए सही बैंक डिटेल्स दें।✔️ बैंक अकाउंट ideally उस पर हो जिसमें लीगल हैर नामांकित या जॉइंट होल्डर हो।
कुछ जरूरी सावधानियां
मृत्यु के बाद भी यदि कोई टैक्सेबल इनकम
थी या रिफंड क्लेम करना है, तो
ITR फाइल
करना जरूरी हो जाता है। इससे न सिर्फ कानूनी दिक्कतों से बचा जा सकता है, बल्कि अनावश्यक फाइन और ब्याज से भी
राहत मिलती है।
✅ सही
जानकारी और सही प्रक्रिया से ही आप इस जरूरी काम को आसानी से पूरा कर सकते हैं।
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उपयोगी लगी हो, तो
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