जालंधर, 21 जून: जल संकट की बढ़ती चुनौती के बीच, जल शक्ति अभियान के तहत जालंधर जिले में जल संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों की केंद्रीय टीम ने समीक्षा की। यह दौरा जल संसाधनों के कुशल प्रबंधन और भविष्य के लिए पानी बचाने के उद्देश्य से किया गया।
केंद्रीय टीम में शामिल वित्तीय सेवा विभाग के निदेशक एवं जल शक्ति अभियान के नोडल अधिकारी श्री विवेक गुप्ता और केंद्रीय जल आयोग के उप निदेशक श्री संजीव कुमार ने जिले के कई गांवों में जाकर जल संरक्षण परियोजनाओं का जायजा लिया।
🔍 इन प्रमुख जल प्रोजेक्ट्स का हुआ निरीक्षण:
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ब्यास गांव: तालाब को नहर से जोड़ने की अभिनव पहल
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शकरपुर व कडियाना: मजबूत चेक डैम निर्माण
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अलावलपुर: वर्षा जल संचयन सिस्टम की स्थापना
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सिकंदरपुर और जंडू सिंघा: थापर मॉडल तालाब
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सूरानुसी: वन विभाग की नर्सरी
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उदेसियां: सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के पानी से सिंचाई
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नंगल जीवन: नहर पुनर्भरण योजना
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नूहमहिल: ड्रिप इरिगेशन सिस्टम
📊 2025 तक के जल संरक्षण कार्य:
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354 तालाबों की सफाई और पुनरोद्धार
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23 नए चेक डैम का निर्माण
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9 छप्पड़ को नहरों से जोड़ा गया
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62 वर्षा जल संचयन संरचनाएं
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70 सोक पिट बनाए गए
🤝 प्रशासन के साथ हुई विस्तृत चर्चा
केंद्रीय टीम ने जिला प्रशासकीय अधिकारियों से मुलाकात कर वर्ष 2024-25 और 2025-26 की जल संरक्षण रणनीतियों पर चर्चा की। अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर अमनिंदर कौर और बुद्धि राज सिंह ने टीम को आगामी योजनाओं की जानकारी दी।
टीम ने कम लागत में टिकाऊ वर्षा जल संचयन मॉडल को सराहा और इसे देश के अन्य जिलों में भी अपनाने की सलाह दी।
जालंधर में जल संरक्षण को लेकर जिला प्रशासन की यह पहल न सिर्फ भविष्य की पीढ़ियों के लिए पानी बचाने में सहायक है, बल्कि पर्यावरण संतुलन बनाए रखने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
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