UMED (Unified Waqf Management Empowerment, Efficiency & Development) पोर्टल, जिसे हाल ही में भारत सरकार ने 6 जून 2025 को लॉन्च किया है। यह पोर्टल वक्फ़ संपत्तियों के पंजीकरण और प्रबंधन को डिजिटल माध्यम से सरल, पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए एक क्रांतिकारी कदम है।
UMEED पोर्टल क्या है?
UMED पोर्टल एक केंद्रीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो पूरे भारत में वक्फ़ संपत्तियों का रिकॉर्ड रखेगा, उनका पंजीकरण करेगा और बेहतर नियमन सुनिश्चित करेगा। इसे अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा संचालित किया जाएगा, जो राज्यों, बोर्डों और न्यायालयों के साथ मिलकर काम करेगा।
UMEED पोर्टल के मुख्य लाभ:
· पारदर्शिता और जवाबदेही: वक्फ़ संपत्तियों का समयबद्ध और पारदर्शी पंजीकरण होगा।
· डिजिटल पहुंच: लाभार्थी आसानी से अपने अधिकारों, दायित्वों और कानूनी सुरक्षा की जानकारी ऑनलाइन देख सकेंगे।
· विवादों का समाधान: लंबे समय से चल रहे वक्फ़ संपत्ति विवादों का न्यायालयीन निगरानी के जरिए शीघ्र समाधान होगा।
· रीयल-टाइम डेटा और जियो टैगिंग: नीति निर्माताओं के लिए सटीक डेटा उपलब्ध कराना ताकि बेहतर योजनाएं बनाई जा सकें।
· सख्त पंजीकरण समय सीमा: अब सभी वक्फ़ संपत्तियों का 6 महीने के भीतर पंजीकरण अनिवार्य होगा।
वक्फ़ संपत्ति क्या होती है?
‘वक्फ़’ अरबी शब्द है, जिसका मतलब होता है “रोकना” या “बंधना।” इस्लामी परंपरा में यह एक धार्मिक दान है, जिसमें संपत्ति को स्थायी रूप से धर्मार्थ कामों के लिए समर्पित किया जाता है। एक बार वक्फ़ संपत्ति घोषित हो जाने के बाद, इसे बेचना, विरासत में देना या स्थानांतरित करना संभव नहीं होता।
नए सुधार और नियम:
· वक्फ़ न्यायाधिकरण के फैसलों के खिलाफ अब 90 दिनों के अंदर उच्च न्यायालय में अपील की जा सकेगी।
· अपंजीकृत संपत्तियों को विवादित मानकर न्यायाधिकरण स्वतः निर्णय लेगा।
· महिलाओं, बच्चों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) को लाभार्थी बनाया जाएगा, हालांकि संपत्ति का नाम महिलाओं पर नहीं किया जा सकता।
· पंजीकरण के दौरान संपत्ति का सटीक माप और भू-स्थानिक डेटा दर्ज किया जाएगा।
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