क्या कभी ऐसा हुआ है कि आपने लोन के लिए अप्लाई किया और बैंक ने मना कर दिया? या फिर लोन तो मिला लेकिन ब्याज दर (Interest Rate) इतनी ज्यादा थी कि आपको सोचना पड़ा?
इन दोनों ही सिचुएशन्स की एक बड़ी वजह हो सकती है - सिबिल स्कोर।
सिबिल स्कोर क्या होता है?
जैसे स्कूल में रिपोर्ट कार्ड होता है जो आपकी पढ़ाई को दर्शाता है, वैसे ही सिबिल स्कोर आपके फाइनेंशियल बिहेवियर यानी आर्थिक व्यवहार को दिखाता है।
जब भी आप लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करते हैं, तो बैंक सबसे पहले यही चेक करते हैं कि आप वित्तीय रूप से भरोसेमंद हैं या नहीं।
सिबिल स्कोर का रेंज इस तरह होता है:
· 750+ : एक्सीलेंट
· 650-749 : गुड
· 550-649 : एवरेज
· 550 से नीचे : पुअर
सिबिल स्कोर गिरता क्यों है?
सिबिल स्कोर एकदम से नहीं गिरता। यह धीरे-धीरे कई कारणों से डाउन होता है:
· ईएमआई या बिल्स का लेट पेमेंट
· क्रेडिट कार्ड का लिमिट से ज्यादा यूज
· बार-बार लोन अप्लाई करना
· लोन सेटलमेंट या गारंटर बनना
सिबिल स्कोर सुधारने में कितना समय लगता है?
यह एक स्टेप-बाय-स्टेप प्रोसेस है। अगर आप टाइम पर पेमेंट करना शुरू कर दें और स्मार्ट तरीके से क्रेडिट का इस्तेमाल करें, तो:
· 6 से 12 महीने में अच्छा सुधार दिख सकता है
· अगर स्कोर बहुत कम है (550 से नीचे), तो 18 से 24 महीने भी लग सकते हैं
सिबिल स्कोर सुधारने के आसान और असरदार तरीके:
1. टाइम पर EMI और बिल पे करें – एक भी लेट पेमेंट स्कोर बिगाड़ सकता है।
2. क्रेडिट कार्ड का यूसेज 30% से कम रखें – लिमिट के ज्यादा इस्तेमाल से स्कोर गिरता है।
3. एक्स्ट्रा डेब्ट को EMI में कन्वर्ट कर पे करें – ताकि पेमेंट मैनेज करना आसान हो।
4. हर साल एक बार क्रेडिट रिपोर्ट जरूर चेक करें – ताकि गलती हो तो समय रहते ठीक किया जा सके।
5. क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है? तो सिक्यॉर्ड क्रेडिट कार्ड से शुरुआत करें।
Consistency is the key! हर महीने की आपकी अच्छी आदतें धीरे-धीरे आपके स्कोर को ऊपर ले जाएंगी।
सिबिल से जुड़े आम सवाल और उनके जवाब:
ऐसी और जरूरी जानकारियों के लिए जुड़े रहिए।
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