इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी
तारीख जैसे-जैसे नजदीक आती है, वैसे
ही करदाताओं की चिंताएं भी बढ़ने लगती हैं। लेकिन घबराने की बजाय, कुछ जरूरी बातों को समय रहते ध्यान में
रखकर आप न सिर्फ पेनाल्टी से बच सकते हैं,
बल्कि रिफंड भी समय पर पा सकते हैं।
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रिटर्न फाइल करने से पहले क्या करें?
- पैन और आधार को लिंक करना ज़रूरी है: अगर
आपका PAN और
Aadhaar लिंक
नहीं है, तो
आपका ITR रिजेक्ट
हो सकता है।
- बैंक खाता वेरिफाई करें: उसी खाते को
मान्य करें जिसमें आप टैक्स रिफंड चाहते हैं।
- सही ITR
फॉर्म चुनें: अपनी
आय और स्रोतों के आधार पर सही फॉर्म का चुनाव करें।
- समय सीमा का पालन करें: डेडलाइन से पहले
ITR फाइल
करें ताकि पेनाल्टी न लगे।
- ई-वेरिफिकेशन जरूर करें: रिटर्न दाखिल
करने के बाद उसे ऑनलाइन वेरिफाई करना अनिवार्य है।
- नोटिस का जवाब दें: यदि आयकर विभाग
की ओर से कोई नोटिस मिला है, तो निर्धारित तारीख से पहले उसका जवाब जरूर दें।
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अगर रिटर्न में हो गई है कोई गलती? ऐसे करें तुरंत सुधार
अगर आपने गलती से गलत जानकारी भर दी है - जैसे आय गलत दर्ज कर दी, डिडक्शन छूट गया या फॉर्म गलत भर दिया - तो घबराने की जरूरत नहीं है। आयकर
अधिनियम, 1961 की
धारा 139(5) के तहत आप संशोधित रिटर्न (Revised Return)
फाइल करके अपनी गलती सुधार सकते हैं।
किन गलतियों को ठीक
किया जा सकता है?
- आय का कम या ज्यादा रिपोर्ट करना
- डिडक्शन या टैक्स छूट भूल जाना
- गलत ITR फॉर्म भरना
- टैक्स कैलकुलेशन में गलती
- पर्सनल डिटेल्स जैसे नाम या बैंक खाता नंबर में गड़बड़ी
- विभाग से प्राप्त नोटिस के जवाब में सुधार
ध्यान दें कि संशोधित रिटर्न फाइल करने
के बाद वह आपके पहले वाले रिटर्न को पूरी तरह से रिप्लेस कर देता है। इसलिए सुधार
करते समय सावधानी बरतें।
आईटीआर फाइलिंग सिर्फ एक कानूनी
प्रक्रिया नहीं, बल्कि
आपके वित्तीय अनुशासन का प्रमाण भी है। समय पर सही जानकारी के साथ रिटर्न दाखिल
करना आपके फाइनेंशियल रिकॉर्ड को मजबूत बनाता है और भविष्य में किसी भी तरह की
टैक्स परेशानी से बचाता है। अगर गलती हो भी जाए,
तो सरकार ने संशोधित रिटर्न की सुविधा देकर उसे सुधारने का
अवसर भी दिया है।
तो देर न करें - सही समय पर सही
रिटर्न फाइल करें और निश्चिंत रहें
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