अगर आप ऑनलाइन गेमिंग के शौकीन हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है।
सरकार ने "ऑनलाइन
गेमिंग बिल 2025" को लोकसभा में पास कर दिया है। इस नए
कानून के जरिए सरकार एक तरफ जहां ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा देना चाहती है, वहीं दूसरी तरफ रियल मनी गेम्स पर
सख्ती की तैयारी कर चुकी है।
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ऑनलाइन गेमिंग को दो कैटेगरी में बांटा
गया
सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग को दो भागों में
बांटा है:
1.
ई-स्पोर्ट्स (E-Sports):
2.
रियल मनी गेम्स (Real Money Games):
इन गेम्स में पैसों का सीधा लेनदेन होता
है। खिलाड़ी UPI, कार्ड
या वॉलेट से पैसा लगाते हैं और जीतने पर सीधे अकाउंट में कैश मिलता है।
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रियल मनी गेम्स पर सरकार की सख्ती
सरकार अब रियल मनी गेम्स पर शिकंजा कसने
जा रही है। इस बिल में कई बड़े बदलाव किए गए हैं:
- इन गेम्स को
बैंकिंग चैनल के जरिए लेन-देन से
रोका जाएगा।
- ऐसे प्लेटफॉर्म्स के विज्ञापन और
प्रचार पर पूरी तरह पाबंदी
लगाई जाएगी।
- बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे अवैध गेमिंग ऐप्स पर
कड़ा एक्शन होगा।
- एक
स्वतंत्र नियामक संस्था बनाई
जाएगी जो पूरे सेक्टर की निगरानी करेगी।
⚖️ कानून तोड़ने पर क्या
सजा होगी?
अपराध |
सजा
/ जुर्माना |
अवैध गेमिंग प्लेटफॉर्म चलाना |
3 साल
की जेल या ₹1 करोड़
जुर्माना |
रियल मनी गेम का विज्ञापन |
2 साल
की जेल या ₹50 लाख
जुर्माना |
अवैध फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन |
3 साल
की जेल या ₹1 करोड़
जुर्माना |
बार-बार अपराध करने पर |
लंबी जेल और भारी जुर्माना |
बिना वारंट गिरफ्तारी और संपत्ति जब्ती |
अधिकारियों को पूर्ण अधिकार |
🇮🇳
भारत में गेमिंग इंडस्ट्री कितनी बड़ी
है?
- ₹20,000 करोड़
टैक्स हर
साल सरकार को गेमिंग सेक्टर से मिलता है।
- अब तक
400+ गेमिंग स्टार्टअप्स शुरू हो चुके
हैं।
- इसमें
₹25,000 करोड़ का विदेशी निवेश (FDI)
आया है।
- साल 2023 में सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग पर 28%
GST लगाया
था।
- और अब 2025 से जीत की राशि पर
30% टैक्स
भी लगाया जा रहा है।
सरकार का मकसद साफ है - स्वस्थ गेमिंग को
बढ़ावा देना और जुए की लत पर लगाम लगाना।
अगर आप गेमिंग से जुड़े हैं, तो
इस बिल को समझना आपके लिए जरूरी है। भविष्य में सिर्फ वही प्लेटफॉर्म टिक पाएंगे
जो कानूनी
और पारदर्शी ढंग से काम करेंगे।
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कई गेमर्स को सही जानकारी मिल सकती है
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