🔥 सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है अशुतोष ब्रिजवासी द्वारा साझा की गई
एक वीडियो, जिसमें जनसंख्या, शिक्षा, और सरकारी योजनाओं को लेकर आम जनता की सोच चौंका रही है।
यह वीडयो आज 14 अक्टूबर 2025 को अपलोड किया गया है, एक साधारण सी गली में लिया गया यह वीडियो, आज सोशल मीडिया पर बहस का बड़ा
मुद्दा बन गया है। वीडियो में एक शख्स मोहम्मद हारून, खुले तौर पर कहता है कि उसके छह बच्चे हैं, और वह और भी
बच्चे पैदा करना चाहता है, "एक दर्जन" तक। यही नहीं, उसके भाइयों के भी आठ-आठ बच्चे
हैं। कुल मिलाकर परिवार का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है।
तो आए जानते है, वायरल वीडियो
में क्या है ख़ास?
वीडियो में बात करते हुए मोहम्मद हारून और उनके साथी बड़ी सहजता से बताते हैं:
"क्योंकि इतने बच्चे सही
नहीं हैं? नहीं, आपके हिसाब से सही नहीं होगी। मेरे हिसाब से ये सही है।
जनसंख्या पूरी बढ़नी चाहिए। स्कूल की पढ़ाई फ्री, ड्रेस फ्री, जूते फ्री, किताबें फ्री, खाना फ्री, चावल फ्री – फिर क्यों न पढ़ें और क्यों न बच्चे बढ़ाएं?"
🧠 सोचने वाली बात – सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग?
इस वीडियो से यह सवाल उठता है कि क्या मुफ्त सरकारी योजनाएं (जैसे आयुष्मान
कार्ड, मिड-डे मील, मुफ्त शिक्षा) लोगों को प्रोत्साहित कर रही हैं कि वे ज़िम्मेदार पारिवारिक
योजना की बजाय सिर्फ संसाधनों का उपभोग करें?
"हम परेशान नहीं हैं। सब
चीज़ फ्री है, तो क्यों न बच्चे बढ़ाएं?" –
यह बयान दर्शाता है कि मुफ्त सुविधाओं को कुछ लोग जनसंख्या नियंत्रण के बजाय
"सुविधा का साधन" मान रहे हैं।
📈 भारत की जनसंख्या – एक गंभीर चिंता
भारत पहले ही विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन चुका है। ऐसे में परिवार नियोजन, जनजागरूकता, और शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण हथियार हैं इस समस्या से निपटने के लिए।
लेकिन इस वीडियो में दिखाई दे रही मानसिकता कहीं न कहीं यह साबित करती है कि:
- जमीनी स्तर पर अब भी जनसंख्या नियंत्रण को लेकर गंभीरता की कमी है।
- लोग सरकारी योजनाओं को स्थायी सहारा मान रहे हैं, बजाय इसके कि वे आत्मनिर्भर बनें।
- शिक्षा और सामाजिक चेतना अब भी बहुत पीछे हैं।
👨👩👧👦
क्या सिर्फ 'बड़ी फैमिली' बनाना ही लक्ष्य है?
जब मोहम्मद हारून से पूछा गया कि इतने बच्चों से क्या फायदा होगा, तो उनका जवाब था:
"अजीब फायदा तो कुछ नहीं
है जी, बस... अपनी पूरी फैमिली
बनानी है।"
यह जवाब भारत में बढ़ती जनसंख्या की जड़ों में छिपे सामाजिक दृष्टिकोण को
उजागर करता है, जहाँ संतान को शक्ति, विरासत और सामाजिक स्थिति का प्रतीक माना जाता है।
🔍 क्या हमें डरना चाहिए या जागना चाहिए?
यह वीडियो हमें एक बहुत ही जरूरी सामाजिक विमर्श की ओर ले जाता है, क्या हम जनसंख्या विस्फोट की ओर बढ़ रहे हैं, और क्या हम इसे रोकने के लिए तैयार हैं?
जब तक ज़मीनी स्तर पर लोगों की सोच नहीं बदलेगी, सरकारी योजनाएं
भी सीमित असर ही दिखा पाएंगी।
क्या आप मानते हैं कि मुफ्त सरकारी सुविधाएं लोगों को ज़िम्मेदार नहीं बल्कि
और अधिक निर्भर बना रही हैं? जनसंख्या नियंत्रण अब केवल सरकार
की नहीं, हर नागरिक की जिम्मेदारी बन चुकी है?
👇 कमेंट करें और अपनी राय साझा करें। आप क्या सोचते हैं?
जब पढ़ाई फ्री, राशन फ्री चिकित्सा फ्रिसी तो में 12 बच्चे क्यो न पैदा करू
— 𝗔𝘀𝗵𝘂𝘁𝗼𝘀𝗵 𝗕𝗿𝗶𝗷𝘄𝗮𝘀𝗶 (@VedicAshutosh) October 13, 2025
अभी तो और बच्चे पैदा करूगा:-बुल्ला
और दो फ्री की सुविधाएं...जनसंख्या बढ़वाओ😠 pic.twitter.com/ooq1jaqNzn
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