जालंधर, 14 नवंबर: धान की पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए ज़िला प्रशासन ने अपनी कार्रवाई तेज़ कर दी है। किसानों में जागरूकता बढ़ाने के लिए वरिष्ठ प्रशासनिक और कृषि विभाग के अधिकारी लगातार मैदान में मौजूद हैं। उपायुक्त डॉ. हिमांशु अग्रवाल के निर्देशानुसार, उप-विभागीय मजिस्ट्रेट, पुलिस दल और कृषि विभाग के अधिकारी पराली प्रबंधन को बढ़ावा देने और पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए नियमित रूप से गाँवों का दौरा कर रहे हैं।
एसडीएम शाहकोट ने कई गाँवों का दौरा किया
एसडीएम शाहकोट शुभी आंगरा ने किसानों से मिलने के लिए कोहर खुर्द, लसूरी, काकड़ कलां, कंग खुर्द, कोठा और महिराजवाला सहित कई गाँवों का दौरा किया। उन्होंने किसानों को पराली जलाने के दुष्प्रभावों के बारे में बताया और उन्हें इसका उचित प्रबंधन करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने नोडल और क्लस्टर अधिकारियों को भी मैदान में सतर्क रहने और अपने कर्तव्यों का पालन करने के निर्देश दिए।
अन्य एसडीएम भी सक्रिय
- आदमपुर के एसडीएम विवेक कुमार मोदी,
- नकोदर के एसडीएम लाल विश्वास बैंस,
- फिल्लौर के एसडीएम (अतिरिक्त प्रभार) मुकिलन आर
ने भी अपने-अपने क्षेत्रों के किसानों से पराली न जलाने की अपील की। अधिकारियों ने किसानों को फसल अवशेषों को नष्ट करने के बजाय कृषि यंत्रों और आधुनिक तकनीक का उपयोग करने, मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रोत्साहित किया।
जिला प्रशासन की बहुआयामी रणनीति
जिला प्रशासन पराली जलाने पर अंकुश लगाने के लिए विभिन्न स्तरों पर लगातार गंभीर प्रयास कर रहा है। जागरूकता अभियान, क्षेत्र भ्रमण, निगरानी और आधुनिक कृषि उपकरणों के प्रचार-प्रसार के माध्यम से प्रशासन धुआं रहित खेती को प्रोत्साहित कर रहा है।
No comments:
Post a Comment