जालंधर, 14 नवंबर: शहर में बढ़ते ध्वनि प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए, पुलिस कमिश्नर धनप्रीत कौर ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के तहत अहम कार्रवाई की है। अब, जालंधर में रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक साइलेंस ज़ोन और रिहायशी इलाकों में हॉर्न बजाना सख़्ती से प्रतिबंधित रहेगा। इस नियम में केवल सार्वजनिक आपात स्थितियों में ही ढील दी जाएगी।
पुलिस कमिश्नर द्वारा जारी आदेशों में सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का भी हवाला दिया गया है। इसके अनुसार, जहाँ भी लाउडस्पीकर, पब्लिक एड्रेस सिस्टम या किसी अन्य ध्वनि उपकरण का इस्तेमाल किया जाता है, वहाँ वॉल्यूम का स्तर उस क्षेत्र के लिए निर्धारित मानकों के भीतर ही रखा जाना चाहिए।
इन नियमों के तहत:
- मैरिज पैलेस, होटल या किसी भी निजी कार्यक्रम में रात 10 बजे के बाद डीजे, ड्रम, तुरही या तेज़ आवाज़ वाले वाद्ययंत्रों का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं होगी।
- किसी भी निजी साउंड सिस्टम का ध्वनि स्तर निर्धारित सीमा से 5 dB(A) से अधिक नहीं होना चाहिए।
- म्यूजिक सिस्टम वाले वाहनों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि ध्वनि वाहन के बाहर स्पष्ट रूप से सुनाई न दे।
पुलिस विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि कोई इन नियमों का उल्लंघन करता पाया गया, तो संबंधित साउंड सिस्टम तुरंत जब्त कर लिया जाएगा।

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