केंद्र सरकार ने पारिवारिक पेंशन से जुड़े कई अहम बदलाव लागू किए हैं। हाल ही में, पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने जीवन प्रमाण पत्र से जुड़े नए नियम लागू किए हैं, जिसके तहत अगर माता-पिता 75% बढ़ी हुई पेंशन पाना चाहते हैं, तो उन्हें सालाना अपना जीवन प्रमाण पत्र जमा करना होगा। इस बीच, बेटियों के पारिवारिक पेंशन अधिकार से जुड़े नियमों को सख्ती से लागू करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।
शादी या तलाक के बाद भी बेटियाँ पेंशन की हकदार
सरकार ने स्पष्ट किया है कि हर बेटी, चाहे वह विवाहित हो, अविवाहित हो, विधवा हो या तलाकशुदा, पारिवारिक पेंशन की हकदार होगी। पहले, शादी के बाद बेटी का पेंशन अधिकार समाप्त हो जाता था, लेकिन केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियम 2021 के तहत अब ऐसा नहीं होगा। ये नियम 2021 से लागू हैं, लेकिन अब इनका और सख्ती से पालन किया जा रहा है। सरकार ने कई अदालती फैसलों के बाद यह कदम उठाया है।
पारिवारिक पेंशन किसे और कब मिलती है?
- सरकारी कर्मचारी की मृत्यु होने पर, सबसे पहले उसके पति/पत्नी को पेंशन मिलती है।
- उनकी अनुपस्थिति में, बच्चों को पेंशन मिलती है।
- बेटों को 25 वर्ष की आयु तक पारिवारिक पेंशन मिलती है।
- बेटियों के लिए कोई आयु सीमा नहीं है।
इसका अर्थ है कि चाहे बेटी विवाहित हो, विधवा हो या तलाकशुदा हो, उसे आजीवन पारिवारिक पेंशन मिलेगी, बशर्ते वह पुनर्विवाह न करे। पहले, कई बेटियों को विवाह के बाद इस अधिकार से वंचित रखा जाता था।
विकलांग बच्चों के लिए आजीवन पेंशन
यदि परिवार में कोई बच्चा (लड़का या लड़की) विकलांग है, तो उसे आजीवन पारिवारिक पेंशन मिलेगी। यदि किसी कर्मचारी की सेवानिवृत्ति से पहले मृत्यु हो जाती है, तो पेंशन उसके अंतिम वेतन का 50% होती है। यदि सेवानिवृत्ति के बाद मृत्यु होती है, तो पेंशन राशि का 30% प्राप्त होता है।
कामकाजी बेटी को भी पेंशन का अधिकार मिलेगा।
यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है की क्या कामकाजी बेटी को पारिवारिक पेंशन मिलेगी? ✔️ हाँ, आपको ज़रूर मिलेगी। सरकार ने स्पष्ट किया है कि नौकरी करने से आपको पेंशन पाने का अधिकार नहीं छिनता। इसके अलावा, विधवा बहू भी पेंशन पाने की हकदार है, बशर्ते वह दोबारा शादी न करे।
नामांकन फॉर्म अपडेट करना ज़रूरी
कई पुराने नामांकन फॉर्म में सिर्फ़ पत्नी या बेटे का नाम होता था, जिससे बेटियों के लिए बाद में पेंशन पाना मुश्किल हो जाता था। इसलिए, सरकारी कर्मचारियों को सलाह दी जाती है कि वे अपने नामांकन फॉर्म में अपनी बेटी का नाम ज़रूर शामिल करें और समय-समय पर अपने दस्तावेज़ अपडेट करते रहें।
बेटियों को मिलेंगे पूरे अधिकार
इन नए नियमों के लागू होने से पहले, कई बेटियों को अपने पति की मृत्यु या तलाक के बाद पेंशन पाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। अब, सरकार ने बेटियों को सशक्त बनाया है और उनके अधिकारों की रक्षा की है। अगर आपके परिवार में किसी को सरकारी पेंशन मिलती है, तो अपने सभी दस्तावेज़ और बैंक विवरण अपडेट कर लें ताकि आपकी बेटी को उसका पूरा हक़ मिल सके।
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