क्या है नागरिकता संशोधन बिल, लोकसभा-राज्यसभा में पास, अब बनेगा कानून:-
खास बातें:-
नागरिकता अधिनियम के अनुसार भारत की नागरिकता इन
पांच विधियों से प्राप्त की जा सकती है:
·
जन्म
·
वंशानुगत क्रम
·
पंजीकरण
·
प्राकृतिक रूप से नागरिकता
·
यदि कोई व्यक्ति जिस देश में रहता है वह देश भारत
में मिल जाता है तो।
भारतीय नागरिकता
बिल में केंद्र सरकार का प्रस्तावित संशोधन लोकसभा और राज्यसभा में बहुमत से पारित
हो गया है। अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह विधेयक Citizenship Amendment
Bill (CAB) कानून बनकर लागू
हो जाएगा। यह बिल संसद के दोनों सदनों में पारित हो गय है। अब यह कानून बन जाएगा
और इसके बाद बांग्लादेश,
पाकिस्तान और
अफगानिस्तान से आए हिंदुओं के साथ ही सिख, बौद्ध,
जैन, पारसी और ईसाइयों के लिए बगैर वैध दस्तावेजों
के भी भारतीय नागरिकता हासिल करने का रास्ता साफ हो जाएगा।
नागरिकता संशोधन बिल का पूर्वोत्तर के राज्यों के साथ कई राजनीतिक दल भी विरोध कर रहे हैं। पूर्वोत्तर के लोग इस बिल को राज्यों की सांस्कृतिक, भाषाई और पारंपरिक विरासत से खिलवाड़ बता रहे हैं।
क्या है नागरिकता संशोधन बिल
नागरिकता संशोधन बिल नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों को बदलने के लिए पेश किया जा गया है, जिससे नागरिकता प्रदान करने से संबंधित नियमों में बदलाव होगा। नागरिकता बिल में इस संशोधन से बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदुओं के साथ ही सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों के लिए बगैर वैध दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता हासिल करने का रास्ता साफ हो जाएगा।
कम हो जाएगी निवास अवधि
भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए देश में 11 साल निवास करने वाले लोग योग्य होते हैं। नागरिकता संशोधन बिल में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के शरणार्थियों के लिए निवास अवधि की बाध्यता को 11 साल से घटाकर 6 साल करने का प्रावधान है।

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