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तिलक लगाते समय किस अंगुली का प्रयोग करना चाहिए? जानिए सभी उंगलियों का महत्व

तिलक लगाते समय किस अंगुली का प्रयोग करना चाहिए? जानिए सभी उंगलियों का महत्व

हिंदू धर्म में देवताओं की पूजा का अत्यधिक महत्व है। पूजा के दौरान भक्तों द्वारा भगवान को तिलक लगाने का विधान है। साथ ही आरती के बाद भक्तों के माथे पर तिलक लगाया जाता है। मान्यता है कि तिलक लगाने से यश में वृद्धि होती है, संतान सुख में वृद्धि होती है, ज्ञान में वृद्धि होती है और मनोबल बढ़ता है। साथ ही तिलक लगाने से मां सरस्वती और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। तिलक के बिना कोई भी पूजा या अनुष्ठान अधूरा माना जाता है।

तिलक लगाने का महत्व

मान्यताओं के अनुसार माथे पर तिलक लगाने से आज्ञा चक्र जागृत होता है। तिलक लगाने से किस्मत खुलती है। कुमकुम-अक्षत के अलावा, मानसिक एकाग्रता को बढ़ाने के लिए तिलक लगाने में चंदन का उपयोग किया जाता है। चंदन दो प्रकार का होता है। पहला लाल चंदन और दूसरा सफेद चंदन। दोनों का प्रयोग तिलक लगाने के लिए किया जाता है।

छोटी उंगली का महत्व

शास्त्रों में बताया गया है कि तिलक लगाने के लिए छोटी उंगली का प्रयोग नहीं किया जाता है।

अनामिका का महत्व

अनामिका, हाथ की तीसरी उंगली होती है जो मध्यमा के बाद और निष्ठा से पहले आती है। इस उंगली से तिलक लगाने से मानसिक शक्ति मजबूत होती है, क्योंकि इस उंगली का सीधा संबंध सूर्य से है। इसलिए इस अंगुली से तिलक लगाने से आज्ञा चक्र जाग्रत होता है। मान-सम्मान बढ़ाने के लिए व्यक्ति को अनामिका उंगली से तिलक करना चाहिए। शास्त्रों में बताया गया है कि अनामिका से चंदन लगाना बहुत शुभ होता है।

अंगूठे से तिलक

मान्यता के अनुसार अंगूठे का संबंध शुक्र ग्रह से है और शुक्र ग्रह को यश, धन और वैभव का कारक ग्रह माना जाता है। कहा जाता है कि अंगूठे से तिलक लगाने से धन और अच्छे स्वास्थ्य की वृद्धि होती है। यह भी माना जाता है कि यदि रोगी को नियमित रूप से अंगूठे से चंदन का तिलक लगाया जाए, तो उसके स्वास्थ्य में दिन-प्रतिदिन लाभ बेहतर होने लगता है। आपने अक्सर देखा होगा कि विजया पर्व, दशहरा और रक्षा बंधन के अवसर पर बहनें अपने भाई की जीत की कामना करते हुए अपने अंगूठे से तिलक करती हैं।

तर्जनी से तिलक

तर्जनी उंगली अंगूठे और मध्यमा के बीच की उंगली है। कहा जाता है कि इस उंगली का प्रयोग केवल मृत व्यक्ति को तिलक लगाने के लिए किया जाता है। ताकि मृतक की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति हो सके। कहा जाता है कि तर्जनी के प्रयोग से अकाल मृत्यु हो जाती है। इसलिए जब भी किसी को तिलक लगाना हो तो दाहिनी उंगली का प्रयोग करना बहुत जरूरी है।


नोट: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य धारणाओं और सूचनाओं पर आधारित है। "MSD आईना सच का" न्यूज़ चैनल इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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