जालंधर, 13 मई: जालंधर जिले में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए ऋण वितरण योजनाओं की समीक्षा के लिए एक विशेष त्रैमासिक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता आदमपुर के एसडीएम और अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (वित्त) विवेक कुमार मोदी ने की।
बैठक का उद्देश्य था- बैंकों द्वारा तय लक्ष्यों के अनुसार ऋण वितरण की प्रगति की समीक्षा करना और आगामी तिमाहियों के लिए रणनीति तैयार करना।
किसानों को मिलेगा पराली प्रबंधन मशीनों के लिए ऋण
अधिकारियों ने बैंकों को निर्देश दिए कि कृषि और संबंधित क्षेत्रों में अधिक से अधिक किसानों को ऋण सुविधा दी जाए। खास तौर पर धान सीजन के दौरान पराली प्रबंधन के लिए जरूरी मशीनों की खरीद हेतु किसानों को आसान शर्तों पर लोन मुहैया करवाया जाए।
बैंकों को सीडी रेशो सुधारने के निर्देश
अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर ने सभी सरकारी, सहकारी और निजी बैंकों को कहा कि वे अपनी क्रेडिट डिपॉजिट रेशो (CD Ratio) में सुधार करें और ज्यादा से ज्यादा लाभार्थियों तक ऋण योजनाएं पहुंचाएं।
16,000 करोड़ से ज्यादा का प्राथमिकता क्षेत्र में ऋण वितरण
प्रमुख जिला प्रबंधक एस. मोती ने बताया कि मार्च 2025 की समाप्ति तक बैंकों ने प्राथमिकता क्षेत्र में ₹16,121 करोड़ का ऋण और कृषि क्षेत्र में ₹4,377 करोड़ के ऋण स्वीकृत किए। कुल मिलाकर ₹26,297 करोड़ के लोन वितरित किए गए हैं।
नई निगरानी योजना लागू
भारतीय रिजर्व बैंक चंडीगढ़ के प्रतिनिधि संजीव सिंह ने CD रेशो सुधारने के लिए MAP (Monitoring Action Plan) लागू करने की सलाह दी। इस तिमाही में जिले का CD रेशो 34.30% रहा है, जिसे बढ़ाने के प्रयास तेज किए जाएंगे।
बैंक शाखाओं का प्रस्तावित विलय
पंजाब एंड सिंध बैंक के मुख्य प्रबंधक नरेश ने घड़ियाल और डरोली कलां शाखाओं के विलय का प्रस्ताव रखा, जिस पर आगे की कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में यूको बैंक, नाबार्ड, जिला कृषि विभाग, रूडसेट संस्थान और अन्य प्रमुख अधिकारियों की भागीदारी रही।
यह बैठक वित्तीय समावेशन की दिशा में एक ठोस कदम है। किसानों, छोटे व्यवसायियों और उद्यमियों के लिए यह एक सुनहरा मौका है कि वे सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर अपने सपनों को हकीकत में बदलें।
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