जालंधर, 21 जून: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आज जालंधर जिला न्यायालय परिसर में योग एवं स्वास्थ्य का भव्य आयोजन हुआ। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जालंधर की ओर से यह कार्यक्रम जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री निरभऊ सिंह गिल तथा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री राहुल कुमार के कुशल मार्गदर्शन में आयोजित किया गया।
इस योग दिवस समारोह में वकीलों, न्यायिक अधिकारियों, लीगल एड डिफेंस काउंसिल, पैरा लीगल वालंटियर्स और आम नागरिकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल योग के स्वास्थ्य लाभों को उजागर करना था, बल्कि कानूनी जागरूकता को भी जन-जन तक पहुंचाना रहा।
थीम रही - “एक ग्रह, एक स्वास्थ्य, एक योग”
इस वर्ष की अंतर्राष्ट्रीय थीम "One Earth, One Health, One Yoga" यानी “एक ग्रह, एक स्वास्थ्य, एक योग” ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि मानसिक और शारीरिक तंदरुस्ती के लिए योग एक वैश्विक समाधान बन सकता है। कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञ योग प्रशिक्षकों - स्मिता कपूर, कुसुम गुप्ता और पूनम राजपूत ने उपस्थित लोगों को सरल और प्रभावी योगासन, प्राणायाम व ध्यान तकनीकें सिखाईं।
योग और कानूनी जागरूकता – आत्मबल का आधार
वक्ताओं हरनेक सिंह, विमल सचदेवा, युवराज सिंह और जगन नाथ ने अपने संबोधन में कहा कि जिस प्रकार कानून की जानकारी से व्यक्ति आत्मनिर्भर बनता है, उसी तरह योग भी मानसिक मजबूती और जीवन की दिशा तय करने में सहायक होता है।
मुफ्त कानूनी सहायता की जानकारी भी दी गई
इस आयोजन के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने यह भी बताया कि कैसे कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति टोल-फ्री नंबर 15100 पर कॉल कर मुफ्त कानूनी सलाह प्राप्त कर सकता है। जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, जो कि Legal Services Authorities Act, 1987 के अंतर्गत कार्य करता है, समाज के कमजोर तबकों तक न्याय और सहायता पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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