हाल ही में राज्यसभा में मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त विधेयक पारित हुआ। यह कानून भविष्य में मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) और अन्य चुनाव आयुक्तों (EC) की नियुक्ति में मार्गदर्शन करेगा। बता दें कि इस कानून के द्वारा केंद्र सरकार ने मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) विधेयक, 2023 में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। आए जानते है, मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त विधेयक, 2023 के बारे में
यह विधेयक चुनाव आयोग अधिनियम, 1991 को निरस्त करता है। 1991 के अधिनियम में प्रावधान है कि EC का वेतन सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के बराबर होगा। विधेयक में प्रावधान है कि CEC और अन्य EC का वेतन, भत्ता और सेवा शर्तें कैबिनेट सचिव के समान होंगी। खोज समिति की कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में विधेयक में CEC और EC के पदों पर विचार करने के लिये पाँच व्यक्तियों का एक पैनल तैयार करने हेतु एक खोज समिति की स्थापना का प्रस्ताव है। आए जानते है बिल में प्रमुख संशोधन बिंदु
सरकार ने CEC और अन्य EC का दर्जा सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के बराबर बरकरार रखने का फैसला किया है। कैबिनेट सचिव के स्थान पर केंद्रीय कानून मंत्री खोज समिति की अध्यक्षता करेंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त ड्यूटी के दौरान आदेश देते हैं तो अदालत उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकती। मुख्य चुनाव आयुक्त को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के समान तरीके और समान आधारों के अलावा उनके कार्यालय से नहीं हटाया जाएगा। मुख्य चुनाव आयुक्त की सिफारिश के अलावा अन्य चुनाव आयुक्त को पद से नहीं हटाया जाएगा।
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