आदित्य एल1 से जुड़ा एक महत्त्वपूर्ण अपडेट सामने आ गया है। इसरो चीफ एस सोमनाथ ने ये गुड न्यूज दी है कि आदित्य एल1, 6 जनवरी को एलव पॉइंट में प्रवेश करेगा। उन्होंने कहा कि मिशन एल1 पॉइंट में कितने बजे एंटर करेगा इसके वक्त की घोषणा बाद में की जाएगी। देश के पहले सौर मिशन आदित्य एल1 को 2 सितंबर को श्री हरिकोटा से लच किया गया था। देश का पहला सौर मिशन आदित्य एलव इतिहास रचने की ओर बढ़ रहा है। सौर मिशन आदित्य एल1 को लेकर इसरो ने एक गुड न्यूज़ दी है। इसरो के मुताबिक सौर मिशन आदित्य एल1, 6 जनवरी को अपने डेस्टिनेशन लैंग वेजियन पॉइंट यानी एल1 पर पहुंचेगा। जो पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर है। इसरो चीफ एस सोमनाथ ने अहमदाबाद में विज्ञान भारती के भारतीय विज्ञान सम्मेलन में यह जानकारी दी है। जब मिशन एल1 बिंदु पर पहुंचेगा तो हमें इंजन को एक बार फिर से चालू करना होगा, ताकि यह आगे ना बढ़े यह उस बिंदु तक जाएगा और एक बार जब यह उस बिंदु पर पहुंच जाएगा तो इसके चारों और घूमने लगेगा और एल1 पर फस जाएगा जो इसका मुख्य स्थान है और फिर यह अगले पांच सालों तक सूर्य पर होने वाली विभिन्न घटनाओं का पता लगाने में मदद करेगा। आदित्य एल1 मिशन को इसरो ने 2 सितंबर को श्री हरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र यानी एसडीएससी से प्रक्षेपित किया था। यह अंतरिक्ष आधारित पहली भारतीय वैद्यशाला है। जिसके तहत हेलो ऑर्बिट एल1 से सूर्य का अध्ययन किया जाना है। इस मिशन से मिलने वाला डाटा ना सिर्फ सूर्य के डायनामिक्स को समझने में उपयोगी होगा। बल्कि यह भी बताएगा कि हमारी जिंदगी पर इसका क्या प्रभाव है।
आदित्य एल1 से जुड़ा एक महत्त्वपूर्ण अपडेट सामने आ गया है। इसरो चीफ एस सोमनाथ ने ये गुड न्यूज दी है कि आदित्य एल1, 6 जनवरी को एलव पॉइंट में प्रवेश करेगा। उन्होंने कहा कि मिशन एल1 पॉइंट में कितने बजे एंटर करेगा इसके वक्त की घोषणा बाद में की जाएगी। देश के पहले सौर मिशन आदित्य एल1 को 2 सितंबर को श्री हरिकोटा से लच किया गया था। देश का पहला सौर मिशन आदित्य एलव इतिहास रचने की ओर बढ़ रहा है। सौर मिशन आदित्य एल1 को लेकर इसरो ने एक गुड न्यूज़ दी है। इसरो के मुताबिक सौर मिशन आदित्य एल1, 6 जनवरी को अपने डेस्टिनेशन लैंग वेजियन पॉइंट यानी एल1 पर पहुंचेगा। जो पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर है। इसरो चीफ एस सोमनाथ ने अहमदाबाद में विज्ञान भारती के भारतीय विज्ञान सम्मेलन में यह जानकारी दी है। जब मिशन एल1 बिंदु पर पहुंचेगा तो हमें इंजन को एक बार फिर से चालू करना होगा, ताकि यह आगे ना बढ़े यह उस बिंदु तक जाएगा और एक बार जब यह उस बिंदु पर पहुंच जाएगा तो इसके चारों और घूमने लगेगा और एल1 पर फस जाएगा जो इसका मुख्य स्थान है और फिर यह अगले पांच सालों तक सूर्य पर होने वाली विभिन्न घटनाओं का पता लगाने में मदद करेगा। आदित्य एल1 मिशन को इसरो ने 2 सितंबर को श्री हरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र यानी एसडीएससी से प्रक्षेपित किया था। यह अंतरिक्ष आधारित पहली भारतीय वैद्यशाला है। जिसके तहत हेलो ऑर्बिट एल1 से सूर्य का अध्ययन किया जाना है। इस मिशन से मिलने वाला डाटा ना सिर्फ सूर्य के डायनामिक्स को समझने में उपयोगी होगा। बल्कि यह भी बताएगा कि हमारी जिंदगी पर इसका क्या प्रभाव है।
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