नई समय-सारिणी के अनुसार:
- सुबह 7.45 बजे से दर्शन शुरू होंगे।
- 7.55 बजे होगी श्रृंगार आरती।
- 11 बजे से 11.30 बजे तक अर्पित होगा राजभोग।
- 11.55 बजे होगी राजभोग आरती।
- इसके बाद ठाकुरजी की इत्र से मालिश होगी और फिर वे विश्राम करेंगे।
- शाम को 5.30 बजे से दर्शन होंगे।
- रात को 8.30 बजे अर्पित होगा शयनभोग।
- 9.25 बजे शयनभोग आरती के दर्शन होंगे।
इसके बाद एक घंटे तक सेवायत ठाकुरजी की इत्र से मालिश करेंगे और फिर उन्हें शयन कराकर बाहर आ जाएंगे। यह नई समय-सारिणी दिवाली पर्व के बाद भाई दूज तक लागू रहेगी।
आध्यात्मिक अनुभव के लिए अब आपके पास एक नया और सुविधाजनक समय होगा। अब आप इन निर्धारित समयों में ठाकुरजी के दर्शन का पुण्य लाभ उठा सकते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें