📅 जालंधर: अब बच्चों की सेहत से कोई समझौता नहीं!
पंजाब सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए बच्चों को बेचे जाने वाले एनर्जी
ड्रिंक्स पर पूरी तरह से प्रतिबंध
लगा दिया है। यह आदेश राज्य के सभी स्कूलों और शैक्षणिक
संस्थानों के आसपास की दुकानों और कैंटीन पर भी लागू होगा।
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क्यों लगाया गया एनर्जी ड्रिंक्स पर बैन?
एनर्जी ड्रिंक्स में कैफीन, शुगर और अन्य ऐसे तत्व होते हैं जो
बच्चों की शारीरिक और मानसिक सेहत पर बुरा असर डाल सकते हैं। अधिक सेवन से बच्चों
में नींद की कमी, दिल
की धड़कन तेज होना, चिड़चिड़ापन
और एकाग्रता की कमी जैसी समस्याएं देखी गई हैं।
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कब से लागू हुआ यह नियम?
21 अप्रैल
2025 को पंजाब के खाद्य सुरक्षा कमिश्नर
द्वारा यह आदेश जारी किया गया, जो
अगले एक
वर्ष तक लागू रहेगा।
सहायक कमिश्नर (फूड), डॉ. हरजोत पाल सिंह ने
बताया कि इस नियम का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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कहां-कहां लागू है यह बैन?
- ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों से 100 मीटर के
दायरे में
- शहरी क्षेत्रों में 50 मीटर के
दायरे में
कोई भी दुकान, कैंटीन या प्रतिष्ठान बच्चों को एनर्जी
ड्रिंक नहीं बेच सकेगा। सभी शैक्षणिक संस्थानों के प्रमुखों को भी निर्देश दिए गए
हैं कि वे सुनिश्चित करें कि स्कूल परिसर में एनर्जी ड्रिंक की बिक्री या सेवन न
हो।
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बच्चों को बचाना है हमारा उद्देश्य
खाद्य सुरक्षा विभाग ने जालंधर के सरकारी
सीनियर सेकेंडरी स्कूल रैणक बाजार
में एक जागरूकता अभियान चलाया,
जिसमें बच्चों को एनर्जी ड्रिंक के दुष्प्रभावों के बारे में
बताया गया। इस कार्यक्रम में
फूड सेफ्टी अधिकारी श्रीमती राशु महाजन, मुकुल गिल और प्रिंसिपल
जगप्रीत कौर भी
शामिल रहे।
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कहां करें शिकायत?
अगर आपके इलाके में कोई दुकान या
प्रतिष्ठान इन नियमों का उल्लंघन करता है,
तो आप इसकी जानकारी तुरंत फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन, जालंधर को
दे सकते हैं।
बच्चों की सेहत से बड़ा कोई निवेश नहीं
है। पंजाब
सरकार का यह कदम स्वागत योग्य है और सभी नागरिकों का दायित्व बनता है कि वे इस
मुहिम को सफल बनाएं। चलिए मिलकर बच्चों को एक सुरक्षित और हेल्दी भविष्य दें।
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