अगर हां, तो यह खबर आपके लिए बेहद खास है। पहले जहां नौकरी छोड़ने के बाद फुल एंड फाइनल सेटलमेंट (F&F) पाने के लिए कर्मचारी हफ्तों या महीनों तक एचआर के चक्कर काटते रहते थे, अब यह झंझट खत्म होने जा रहा है।
सरकार ने कर्मचारियों के हित में नए लेबर कोड (New Labour
Codes) लागू कर दिए हैं, जिसमें एक बड़ा बदलाव यह है कि अब कंपनियों को कर्मचारियों का फुल एंड फाइनल सेटलमेंट सिर्फ 2 वर्किंग डेज में
देना होगा।
इस बदलाव को कर्मचारी वर्ग के लिए ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। आइए इसे आसान
भाषा में समझते हैं…
⭐ नए लेबर कोड में
क्या बड़ा बदलाव हुआ है?
नए नियमों के अनुसार—
- कर्मचारी ने इस्तीफा दिया हो
- कंपनी ने उसे बर्खास्त किया हो
- छंटनी की गई हो
- कॉन्ट्रैक्ट खत्म हुआ हो
- या कंपनी ही बंद हो रही हो
हर स्थिति में 2 वर्किंग डे में पूरा भुगतान अनिवार्य है।
यह बदलाव कर्मचारियों की फाइनेंशियल
सिक्योरिटी को ध्यान में रखकर किया गया है, ताकि नौकरी खोने
या बदलने के बाद उन्हें आर्थिक संकट का सामना न करना पड़े।
🔍 पहले Full & Final Settlement में इतना समय क्यों लगता था?
और कई कंपनियां इससे भी ज्यादा समय लेती थीं।
देरी होने के कारण:
- कंपनी के एसेट्स की वापसी (लैपटॉप, मोबाइल, आईडी कार्ड आदि)
- कई तरह की एग्जिट फॉर्मेलिटीज
- HR और फाइनेंस टीम के बीच डॉक्यूमेंटेशन
- बकाया लीव एनकैशमेंट
- पेंडिंग बोनस
- किसी भी प्रकार का रिकवरी अमाउंट
- रिलीज लेटर प्रक्रिया
- मैनेजर से अप्रूवल में देरी
🎯 2 Working Days का नियम क्यों लागू किया गया?
सरकार का कहना है कि इस नियम का उद्देश्य है—
यह बदलाव नौकरी पेशा लोगों के लिए एक बड़ा राहत पैकेज माना जा रहा है।
📝
नया नियम व्यवहार में कैसे काम करेगा?
नए नियम के अनुसार—
1️ रिजाइन सबमिट
करने के 2 वर्किंग डे के भीतर पेमेंट देना जरूरी
2️ किसी भी कारण से
नौकरी छोड़ने पर यह नियम लागू
3️ डिजिटल प्रोसेस
अनिवार्य होगा
4️ डिले होने पर
कंपनी पर कार्रवाई
📌
Full & Final Settlement में
क्या-क्या शामिल होता है?
2 दिनों में मिलने वाली F&F राशि में शामिल होंगे—
- अंतिम महीने की सैलरी
- बोनस (यदि लागू हो)
- छुट्टियों का पैसा (Leave Encashment)
- पेंडिंग इंसेंटिव
- ओवरटाइम का भुगतान
- पीएफ से संबंधित हिस्से का क्लियरेंस
- नोटिस पीरियड के मुताबिक एडजस्टमेंट
- ग्रेच्युटी (अगर 5 साल पूरे किए हों)
- अन्य बकाया
अब यह सब दो दिन के अंदर पूरा करना होगा।
⭐ कर्मचारियों के लिए फायदे
नया लेबर कोड लागू होने के बाद कर्मचारियों को कई बड़े फायदे मिलेंगे:
✔ 1. फाइनेंशियल
स्ट्रेस खत्म
नौकरी बदलने या खोने पर तत्काल पैसे मिलने से आर्थिक संकट में राहत मिलेगी।
✔ 2. HR चक्कर लगाने की जरूरत नहीं
✔ 3. नौकरी बदलना
आसान
कर्मचारी पैसे मिलने की चिंता किए बिना अगले अवसर पर फोकस कर सकेंगे।
✔ 4. कंपनियों की
मनमानी खत्म
अब कंपनियां बहाने बनाकर F&F रोक नहीं पाएंगी।
✔ 5. पारदर्शिता और
नियमबद्धता बढ़ेगी
कर्मचारियों और कंपनियों के संबंध अधिक प्रोफेशनल होंगे।
⭐ कंपनियों पर क्या असर पड़ेगा?
नियम लागू होने के बाद कंपनियों को चाहिए—
- HR और Finance प्रोसेस ऑटोमेटेड करना
- एग्जिट फॉर्मेलिटी को सरल बनाना
- F&F टीम को तेज वर्कफ्लो पर ट्रेन करना
- किसी भी पेमेंट को लंबित न छोड़ना
शुरुआत में कंपनियों के लिए यह चुनौती लग सकती है, लेकिन लंबे समय में इससे कार्य संस्कृति सुधरेगी।
🏢
नए लेबर कोड: किन चीजों में बदलाव आया है?
सरकार ने कुल 4 नए लेबर कोड लागू किए हैं:
1️ वेज कोड (Wage Code)
2️ सोशल सिक्योरिटी
कोड
3️ इंडस्ट्रियल
रिलेशन कोड
4️ ऑक्यूपेशनल
सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन कोड
इन कोड्स के लागू होने के बाद—
- सैलरी स्ट्रक्चर बदलेगा
- बेसिक सैलरी 50% नियम लागू होगा
- पीएफ कटौती बढ़ सकती है
- टेक होम सैलरी थोड़ी कम होगी लेकिन
- रिटायरमेंट बेनिफिट्स बढ़ जाएंगे
- ग्रेच्युटी के नियम बेहतर होंगे
- वर्किंग आवर्स में भी बदलाव संभव है
📍
कितने राज्यों ने इसे लागू कर दिया है?
📰
सारांश: नई व्यवस्था कर्मचारी हित में ऐतिहासिक बदलाव
है
नया नियम कहता है:
👉 Full & Final Settlement = 2 Working Days में अनिवार्य
🔔
निष्कर्ष: नौकरी छोड़ने का डर अब खत्म!
अब कर्मचारियों को:
बल्कि—
✨ सिर्फ 2 दिन में पूरी F&F राशि आपके अकाउंट में होगी।
यह बदलाव नौकरी पेशा लोगों के लिए सिर्फ एक नियम नहीं, बल्कि आर्थिक सुरक्षा और सम्मान की नई शुरुआत
है।
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