भारत का प्रवेश द्वार (Gateway of India) का जिक्र होते ही सबसे पहले मुंबई का नाम आता है। यह ऐतिहासिक स्मारक और महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल, मुंबई के कोलाबा क्षेत्र में समुद्र तट पर स्थित है। इसे 1924 में ब्रिटिश शासन के दौरान बनाया गया था, जो भारत में आने वाले विदेशी अतिथियों के स्वागत का प्रतीक बन गया।
मुंबई क्यों है भारत का प्रवेश द्वार?
ऐतिहासिक महत्व:
1911 में किंग जॉर्ज पंचम और क्वीन मैरी के भारत आगमन पर उनके स्वागत के लिए इस स्मारक की नींव रखी गई थी। यह स्मारक भारत के औपनिवेशिक इतिहास को दर्शाता है।
व्यापार और अर्थव्यवस्था का केंद्र:
मुंबई भारत की आर्थिक राजधानी है। यहाँ का बंदरगाह देश के सबसे व्यस्त और महत्वपूर्ण बंदरगाहों में से एक है, जो भारत को दुनिया के कई देशों से जोड़ता है।
पर्यटन का प्रमुख केंद्र:
हर साल लाखों पर्यटक यहाँ घूमने आते हैं। गेटवे ऑफ इंडिया के पास ही प्रसिद्ध ताजमहल होटल भी स्थित है, जो इसे और खास बनाता है। यहाँ से अरब सागर का दृश्य अद्भुत लगता है।
गेटवे ऑफ इंडिया के आस-पास के आकर्षण
- एलिफेंटा गुफाएं: गेटवे से नाव द्वारा एलिफेंटा गुफाओं तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। ये गुफाएं यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं और यहाँ भगवान शिव की मूर्तियां देखने लायक हैं।
- मरीन ड्राइव: गेटवे से थोड़ी दूरी पर स्थित मरीन ड्राइव, जिसे 'क्वीन्स नेकलेस' भी कहा जाता है, शाम के समय घूमने के लिए आदर्श स्थान है।
- छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस: गेटवे के नजदीक स्थित यह रेलवे स्टेशन भी एक विश्व धरोहर स्थल है, जो अपनी विक्टोरियन-गोथिक शैली की वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है।
मुंबई का गेटवे ऑफ इंडिया सिर्फ एक स्मारक नहीं, बल्कि भारत की संस्कृति, इतिहास और आधुनिकता का प्रतीक है। यह भारत में आने वाले हर व्यक्ति को एक भव्य स्वागत का अनुभव कराता है और इसकी भव्यता आज भी लाखों दिलों को आकर्षित करती है।
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