अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया अब एक नए अध्याय की ओर बढ़ रही है। 15 जनवरी तक मंदिर के दूसरे तल पर विराजने वाली भव्य राम दरबार की मूर्तियां अयोध्या पहुंच जाएंगी। इन मूर्तियों का निर्माण जयपुर के शिल्पकार कर रहे हैं, जो अपनी निपुणता और समर्पण के लिए प्रसिद्ध हैं। राम दरबार में भगवान राम के साथ सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान की मूर्तियां विराजमान होंगी, जो मंदिर की शोभा को अद्वितीय बनाएंगी।
राम दरबार की मूर्तियों का निर्माण
मूर्तियों का निर्माण संगमरमर और कांस्य से किया जा रहा है। इनकी लंबाई और चौड़ाई इतनी भव्य होगी कि श्रद्धालुओं को रामायण की जीवंत झलक मिलेगी। मंदिर निर्माण समिति ने सुनिश्चित किया है कि हर मूर्ति की गुणवत्ता उच्चतम स्तर की हो और यह शिल्पकला का बेजोड़ उदाहरण बने।
सात मंदिरों और परकोटे का सौंदर्य
मंदिर के सप्त मंडपम में सात अन्य मूर्तियां भी स्थापित की जाएंगी, जो भगवान राम की सामाजिक समरसता और धर्म के मूल्यों को दर्शाएंगी। इसके अलावा, मंदिर के परकोटे में कांस्य के 90 भित्ति चित्र बनाए जा रहे हैं, जिनमें से 11 पहले ही बनकर तैयार हो चुके हैं।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का महोत्सव
यह शुभ कार्य रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ से पहले पूरा हो जाएगा। इस अवसर पर देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु अयोध्या पहुंचकर भक्ति और आस्था का अद्भुत संगम देखेंगे। मंदिर का यह भव्य स्वरूप भारत की सांस्कृतिक विरासत और रामायण की गाथा का जीवंत प्रतीक बनेगा।
श्रीराम मंदिर का निर्माण सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आस्था, शिल्पकला और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। आने वाले समय में जब राम दरबार की मूर्तियां अपने पूर्ण रूप में अयोध्या में विराजेंगी, तब यह स्थल हर भक्त के लिए प्रेरणा का केंद्र बन जाएगा।
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