देश में साइबर अपराध तेजी से बढ़ते जा रहे हैं और अब ठगों ने एक नया तरीका अपनाया है, eSIM फ्रॉड। इस फ्रॉड में स्कैमर्स आपके मोबाइल नंबर को निशाना बनाकर आपके बैंक अकाउंट तक पहुंच बना लेते हैं।
🔍 कैसे होता है eSIM फ्रॉड?
-
सबसे पहले, स्कैमर आपको कॉल करता है और खुद को टेलीकॉम कंपनी का कर्मचारी बताता है।
-
फिर वह आपके फोन पर एक eSIM एक्टिवेशन लिंक भेजता है।
-
जैसे ही आप उस लिंक पर क्लिक करते हैं, आपके फिजिकल SIM को eSIM में बदलने की रिक्वेस्ट ऑटोमैटिकली स्वीकार हो जाती है।
-
इसके बाद आपका सिम डिएक्टिवेट हो जाता है और आपके OTP, बैंक मैसेज और कॉल्स स्कैमर के पास पहुंचने लगते हैं।
🏦 फिर स्कैमर क्या करता है?
-
वह आपके बैंक में ट्रांजैक्शन करने की कोशिश करता है।
-
बैंक उस ट्रांजैक्शन को वेरीफाई करने के लिए OTP भेजता है, जो अब सीधे स्कैमर के पास जाता है।
-
OTP मिलते ही स्कैमर आपका अकाउंट खाली कर देता है - और आपको भनक तक नहीं लगती!
⚠️ सरकार की चेतावनी: सतर्क रहें, सुरक्षित रहें
गृह मंत्रालय के तहत इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) ने इस नए फ्रॉड को लेकर चेतावनी जारी की है। उन्होंने बताया है कि यह ठगी बेहद चालाकी से की जाती है और आम लोग आसानी से इसके जाल में फंस सकते हैं।
🛡️ बचने के आसान उपाय:
-
अनजान कॉल्स या मैसेज के लिंक पर कभी भी क्लिक न करें।
-
eSIM कन्वर्जन रिक्वेस्ट खुद ही करें, किसी और के कहने पर बिल्कुल नहीं।
-
अगर अचानक आपके फोन का नेटवर्क चला जाए, तो तुरंत अपने बैंक और टेलीकॉम कंपनी को सूचित करें।
📵 DoT ने उठाया बड़ा कदम
टेलीकॉम विभाग (DoT) के फाइनेंशियल फ्रॉड रिस्क इंडिकेटर (FRI) ने हाल ही में लगभग 4 लाख फ्रॉड सिम कार्ड्स को ब्लैकलिस्ट किया है, ताकि वित्तीय धोखाधड़ी को रोका जा सके।
🔐 आपकी सुरक्षा आपके हाथ में
आज के डिजिटल दौर में थोड़ी सी लापरवाही बड़ी परेशानी में बदल सकती है। इसलिए:
📢 यह खबर उन सभी के लिए बेहद जरूरी है जो स्मार्टफोन और इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल करते हैं। इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर शेयर करें।
No comments:
Post a Comment