📱 संचार साथी ऐप — क्या है
· संचार साथी एक मोबाइल ऐप और पोर्टल है, जिसे Department of Telecommunications (DoT), भारत सरकार द्वारा लॉन्च किया गया है।
· यह ऐप खासतौर पर साइबर फ्रॉड, नकली या ब्लैक‑लिस्टेड फोन, चोरी/गुम हुए फोन, संदिग्ध कॉल/मैसेज आदि से आम नागरिक की रक्षा के लिए तैयार किया गया है।
✅ प्रमुख फीचर्स और फायदे
संचार साथी ऐप अनेक उपयोगी सुविधाएं (features) देता है - जैसे:
· IMEI वेरिफिकेशन: आप किसी नया या दूसरा‑हाथ फोन लेकर IMEI नंबर के माध्यम से जांच सकते हैं कि वो असली है या ब्लैक‑लिस्टेड / प्रतिबंधित, जिससे नकली या छेड़े हुए फोन से बचा जा सके।
· चोरी/गुम हुए फोन को ब्लॉक करना: अगर आपका फोन खो गया हो या चोरी हो गया हो, तो आप ऐप के ज़रिए उसे ब्लॉक या ट्रैक कर सकते हैं - ताकि वो पुनः उपयोग न हो सके।
· संदिग्ध कॉल / मैसेज या स्पैम / फ्रॉड की रिपोर्टिंग: अगर आपको किसी अनचाहे, फर्जी कॉल या मैसेज (उदाहरण के लिए बैंक या यूपीआई‑धोखाधड़ी का संदेश) मिल रहा हो - तो आप उसे ऐप के माध्यम से रिपोर्ट कर सकते हैं।
· कनेक्शन/नंबर चेक करना: यह देखने की सुविधा कि आपके नाम से कितने मोबाइल कनेक्शन जारी किए गए हैं, और अगर किसी आपके नाम से फर्जी कनेक्शन बना हो, तो उसकी जानकारी मिल सकती है।
· बहुभाषी समर्थन: ऐप हिंदी, अंग्रेजी और भारत की 21 अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध है, जिससे देश भर में लोग आसानी से इसका उपयोग कर सकें।
“संचार साथी नागरिकों को यह सुविधा देता है कि वे अपना फोन और कनेक्शन खुद देख सकें - फर्जी या ब्लैक‑लिस्टेड कनेक्शन, स्पैम कॉल, चोरी हुए फोन आदि को रिपोर्ट/ब्लॉक कर सकें।”
📅 लॉन्च और अनुप्रयोग
· संचार साथी ऐप की शुरुआत 2025 में हुई थी।
· DoT ने 28 नवंबर 2025 को निर्देश दिया है कि भारत में बिक्री होने वाले सभी नए स्मार्टफोन्स में यह ऐप प्री‑इंस्टॉल (pre‑install) किया जाए। नए फोन में सेटअप के दौरान ऐप दिखना चाहिए और इसे डिसेबल या अनइंस्टॉल नहीं किया जा सकेगा।
· जिन फोन में पहले से ऐप नहीं है, उन्हें सॉफ्टवेयर अपडेट के माध्यम से इसे जोड़ने की बात कही गई है।
· वर्तमान में यह ऐप एंड्रॉयड और iOS दोनों प्लेटफार्म पर उपलब्ध है।
⚠️ विवाद और आलोचना
हालाँकि इसे फ्रॉड और चोरी से सुरक्षा बढ़ाने के लिए पेश किया गया है, इस ऐप का कारण बनकर कई तरह की चिंताएँ और विवाद भी हो रहे हैं:
· इसका अनिवार्य प्री‑इंस्टॉल होना, और “न हटाया जा सके / न डिसेबल हो सके” होना - कुछ लोगों द्वारा निजता (privacy) का उल्लंघन माना जा रहा है।
· विपक्ष और नागरिक स्वतंत्रता समूहों ने इसे “जासूसी ऐप” कहकर आलोचना की है - उनका कहना है कि नाम के पीछे फ्रॉड रोकने की बात है, पर असल में किसी का डेटा, कॉल‑लॉग या निजी जानकारी सरकार या कंपनियों तक जा सकती है।
· सरकार की ओर से यह सफाई दी गई है कि यह ऐप कॉल मॉनिटरिंग या जासूसी के लिए नहीं है; इसका मकसद सिर्फ धोखाधड़ी और फोन/कनेक्शन की विश्वसनीयता सुनिश्चित करना है।
📰 ताज़ा हाल (विवाद व सार्वजनिक प्रतिक्रिया)
· आज 2 दिसंबर 2025 की रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार ने निर्देश दिया है कि सभी नए फोन में संचार साथी ऐप अनिवार्य रूप से होना चाहिए। इससे निजी आज़ादी और गोपनीयता (privacy) पर चिंता बढ़ गई है।
· वहीं सरकार का कहना है कि यदि आप चाहें, तो ऐप हटा सकते हैं - यानी वो “बिल्कुल अनिवार्य” नहीं है, कम‑से‑कम सरकार की तरफ से ऐसा बयान आया है।
✍️ निष्कर्ष — कब और क्यों इस्तेमाल करें
यदि आप:
· किसी नया या दूसरा‑हाथ मोबाइल खरीद रहे हों
· अक्सर स्पैम कॉल / मैसेज, बैंक / UPI‑धोखाधड़ी से परेशान हों
· अपने नंबरों और कनेक्शनों की विश्वसनीयता चेक करना चाहें
· अपने फोन की चोरी/नकली IMEI/ब्लैक‑लिस्टेड फोन की चिन्ता हो
तो संचार साथी ऐप आपके लिए एक बहुत काम का टूल हो सकता है।
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