जालंधर: पंजाब सरकार द्वारा चलाए जा रहे ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ अभियान को एक
नया आयाम मिला है, जब नशा मुक्ति की राह में योग को प्रभावी हथियार बनाकर
इस्तेमाल किया जा रहा है। इस दिशा में 'सीएम दी
योगशाला' के तहत
जालंधर के गांव शेखें में एक नशा मुक्ति केंद्र में योग कक्षाएं चलाई जा
रही हैं, जो युवाओं के जीवन में आशाजनक बदलाव ला रही हैं।
🧘♂️ योग: नशा छोड़ने की राह में नई रोशनी
योग कक्षाएं हर दिन
दो बार –
- सुबह 7:45 से 8:45 बजे
- शाम 5:00 से 6:00 बजेनिःशुल्क आयोजित की जा रही हैं।
इन कक्षाओं का उद्देश्य
सिर्फ व्यायाम करना नहीं, बल्कि नशा छोड़ने की जद्दोजहद में लगे युवाओं को मानसिक, शारीरिक और आत्मिक मजबूती देना है।
📈 क्या दिखे हैं प्रभाव?
- दिनचर्या में अनुशासन आया है
- मानसिक स्थिरता और आत्म-नियंत्रण में सुधार
- व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन
- आत्मविश्वास और आशा की भावना मजबूत हुई है
🤝 प्रशासन का सक्रिय सहयोग
इस मुहिम में जालंधर के
वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं:
- डिप्टी कमिश्नर हिमांशु अग्रवाल
- एडीसी जसबीर सिंह
- वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. अभय राज सिंह
इन सभी ने इस अभियान को सफल
बनाने में मार्गदर्शन और सहयोग प्रदान किया है।
🧩 कैसे जुड़ सकते हैं आप?
जिला कोऑर्डिनेटर जतिन
कुमार के अनुसार, "सीएम दी योगशाला" लोगों के लिए एक सुलभ और
प्रभावशाली विकल्प बनकर उभरा है। यदि आपके इलाके में कम से कम 25 लोग योग सीखना चाहते हैं, तो आप नीचे दिए गए माध्यमों
से नि:शुल्क योग शिक्षक प्राप्त कर सकते हैं:
'सीएम दी योगशाला' और नशा मुक्ति केंद्रों का यह संयुक्त प्रयास, स्वास्थ्य, प्रशासन
और समाज सेवा का एक प्रेरणादायक उदाहरण है। योग केवल शरीर की चपलता
नहीं, बल्कि मन की स्थिरता और जीवन की दिशा बदलने का माध्यम बन चुका
है।
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