जालंधर, 19 सितंबर: जिला स्तरीय बाल भिक्षावृत्ति निवारण कार्य बल ने आज नकोदर क्षेत्र स्थित दो धार्मिक स्थलों के आस-पास छापेमारी की, जिसके परिणामस्वरूप भिक्षावृत्ति में शामिल 3 लड़कियों को मुक्त किया गया।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी अजय भारती ने बताया कि बाल भिक्षावृत्ति को समाप्त करने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित "जीवनजोत परियोजना" के तहत जिले के विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर निरंतर निगरानी और जांच की जा रही है। आज की कार्रवाई में मुक्त कराई गई लड़कियों की उम्र 8 से 14 वर्ष के बीच बताई गई है।
मुक्त कराई गई लड़कियों की मेडिकल जांच के बाद उन्हें बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया और गांधी वनिता आश्रम के बाल गृह में आश्रय दिया गया। अधिकारी ने यह भी बताया कि लड़कियों के माता-पिता को बाल कल्याण समिति के सामने पेश होने के बाद आवश्यक कानूनी कदम उठाए जाएंगे।
इस अवसर पर जिला बाल संरक्षण इकाई जालंधर के चाइल्डलाइन कर्मचारी गुरप्रीत सिंह, गुरशरण कौर और रितिका सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
बाल भिक्षावृत्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई:
यह कदम बाल भिक्षावृत्ति के खिलाफ जिला प्रशासन की सख्त कार्रवाई का हिस्सा है, जो बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा और उनकी बेहतर भविष्य की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
हम सभी की जिम्मेदारी:
यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि समाज में बदलाव लाने के लिए हम सभी की जिम्मेदारी है। बच्चों का शोषण न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि यह हमारे सामूहिक मानवता का उल्लंघन भी है।
बाल संरक्षण के लिए यदि आप भी किसी मामले की जानकारी रखते हैं, तो चाइल्डलाइन हेल्पलाइन पर संपर्क करें और बच्चों की सुरक्षा में अपनी भूमिका निभाएं।
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