📅 1 अगस्त,
नई दिल्ली: भारत
में ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स (Online
Betting Apps) के बढ़ते चलन पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त
रुख अपनाया है। इन ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई
करते हुए सुप्रीम
कोर्ट ने देश के सभी राज्यों के साथ-साथ Google
India और Apple India को नोटिस जारी किया
है।
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ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स: क्यों बना यह
मामला जनहित का मुद्दा?
याचिका में दावा किया गया है कि ये ऐप्स ऑनलाइन
जुए (Online Gambling) की तरह काम कर रहे हैं, जिससे बड़ी संख्या में लोग, खासतौर पर युवा, मानसिक,
सामाजिक और आर्थिक रूप से बर्बाद हो रहे हैं।
याचिका के अनुसार,
- सिर्फ
तेलंगाना राज्य में 1,000 से
अधिक आत्महत्याएं
इन ऐप्स की वजह से हो चुकी हैं।
- लाखों लोग कर्ज के जाल में फंस चुके हैं, जिससे उनके
परिवार भी प्रभावित हो रहे हैं।
- करीब
25 से
ज्यादा फिल्मी सितारे और क्रिकेटर
इन ऐप्स का प्रचार कर रहे हैं, जिससे युवाओं पर
इसका असर और बढ़ रहा है।
🧑⚖️
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा,
"यह
केवल एक कानूनी मामला नहीं, बल्कि
गंभीर जनहित का विषय है। हम इस पर कोई भी अंतरिम आदेश देने से पहले केंद्र और सभी
राज्यों का पक्ष जानना चाहते हैं।"
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि केंद्र
सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है कि वे इस संवेदनशील विषय पर अपना
रुख स्पष्ट करें।
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टेक कंपनियों से भी जवाब तलब
इस मामले में Google और Apple जैसी बड़ी टेक
कंपनियों को भी नोटिस भेजा गया है। उनसे यह पूछा गया है कि ऐसे ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स को उनके
प्लेटफॉर्म पर क्यों अनुमति दी जाती है
और वे इस पर क्या कदम उठाएंगे।
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अंतरिम रोक की मांग
याचिकाकर्ता ने यह मांग भी की है कि जब
तक अंतिम फैसला नहीं आ जाता, इन
सट्टेबाजी ऐप्स पर अस्थायी रोक (Interim
Ban) लगा
दी जाए। उनका तर्क है कि
- सिगरेट के पैकेट पर चेतावनी होती है, लेकिन इन ऐप्स
पर कोई चेतावनी नहीं दी जाती।
- युवाओं को लुभाने के लिए बड़े स्टार्स इनका प्रमोशन करते
हैं, जिससे
वे धोखे में आकर भारी नुकसान उठा रहे हैं।
📆
अगली सुनवाई 18 अगस्त को
सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 18
अगस्त 2025 तय
की है। तब यह तय किया जाएगा कि क्या इन ऐप्स पर कोई अंतरिम प्रतिबंध लगाया
जा सकता है या नहीं।
ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स भारत
में एक तेजी से उभरती हुई समस्या बन गई है। सुप्रीम कोर्ट का इस पर सक्रिय होना इस
दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। अब सभी की नजरें 18 अगस्त को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी
हैं।
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