जालंधर, 15 मई: पंजाब सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति एक बार फिर चर्चा में है। विजिलेंस ब्यूरो ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नगर निगम जालंधर के सहायक नगर योजनाकार (ATP) सुखदेव वशिष्ठ को 30,000 रुपये रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है।
विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि यह गिरफ्तारी उन नागरिकों की शिकायतों के आधार पर की गई है, जिनके नक्शे और निर्माण कार्यों को जानबूझकर अटका दिया गया था। आरोप है कि अधिकारी आवेदनों को मंजूरी देने में जानबूझकर देरी करता था और काम के बदले पैसे मांगता था।
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि जालंधर में 70% इमारतों के नक्शे पहले ही पास हो चुके हैं, लेकिन उक्त अधिकारी ने रिश्वत न मिलने तक कई फाइलों को रोककर रखा। एक मामले में उसने खुलकर 30,000 रुपये की मांग की और आवेदनकर्ता को धमकियां भी दीं- जैसे निर्माण सील करना और ट्रांसफर की कोई परवाह न होना।
प्रारंभिक जांच के बाद विजिलेंस ब्यूरो जालंधर रेंज ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर सुखदेव वशिष्ठ को गिरफ्तार कर लिया है। अब इस मामले की गहराई से जांच जारी है ताकि भ्रष्टाचार की जड़ तक पहुंचा जा सके।
पंजाब सरकार के इस सख्त कदम से एक बार फिर यह स्पष्ट हुआ है कि अब भ्रष्ट अधिकारियों के लिए कोई जगह नहीं।
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