हाल ही में हैदराबाद में बैडमिंटन खेलते
वक्त 25 साल
के एक युवक की मौत हो गई।
बिना किसी चेतावनी के अचानक गिर जाना और फिर कभी न उठ पाना – ऐसी घटनाएं अब आम होती जा रही हैं। सवाल
ये है कि बिना किसी लक्षण के आखिर कैसे हो रहा है दिल का दौरा या कार्डियक अरेस्ट?
विशेषज्ञ मानते हैं - दिल कभी बिना बताए
नहीं टूटता। वो पहले कुछ संकेत जरूर देता है, लेकिन हम अकसर इन्हें नजरअंदाज कर देते
हैं।
⚠️ ऐसे संकेतों को हल्के
में न लें
हमारी आदत हो गई है -
- सीने के हल्के दर्द को गैस समझना
- बाएं हाथ की झुनझुनाहट को मोबाइल की पकड़
समझना
- पसीना आने या थकान को दिनभर की
भागदौड़ का नतीजा समझना
पर जब अस्पताल की स्ट्रेचर पर लेटे होते
हैं, तो
मन में बस यही ख्याल आता है - "काश
पहले पता होता!"
❤️ दिल क्या कहता है, सुनिए ध्यान से:
- अचानक थकान या कमजोरी महसूस होना
- सोते समय पसीना आना या घबराहट होना
- बाएं हाथ,
गर्दन या जबड़े में दर्द
- चलते-चलते चक्कर आना या बेहोशी महसूस होना
- दिल की धड़कनों का अनियमित होना (Palpitations)
ये सब संकेत हैं कि आपका
दिल मदद माँग रहा है।
👨⚕️
हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में फर्क
- हार्ट अटैक:
जब दिल की किसी धमनियों में ब्लॉकेज
हो जाता है, जिससे
ब्लड सप्लाई रुकती है और हार्ट की मसल्स डैमेज होती हैं।
- कार्डियक अरेस्ट: जब दिल की
इलेक्ट्रिकल गतिविधि रुक जाती है और धड़कन बंद हो जाती है। अक्सर सडन
डेथ का
यही कारण होता है।
📊
भारत में क्यों बढ़ रहे हैं ये मामले?
विशेषज्ञों का कहना है कि:
- आज
40 साल
से कम उम्र के 50% से अधिक हार्ट अटैक के शिकार हो रहे
हैं।
- युवा जो दिखने में फिट हैं,
वे भी नींद की कमी, तनाव, स्मोकिंग और खराब
लाइफस्टाइल के चलते खतरे में हैं।
- कसरत करने वाले,
रनिंग करने वाले, जिम जाने वाले भी
चपेट में आ रहे हैं क्योंकि भीतर की स्थितियों की स्क्रीनिंग नहीं हुई होती।
🔢
अपने इन "हेल्थ नंबर्स" को
जानिए
हर किसी को अपने ये 8 ज़रूरी हेल्थ पैरामीटर्स जानने चाहिए:
- ब्लड प्रेशर
- ब्लड शुगर
- कोलेस्ट्रॉल
- बॉडी मास इंडेक्स (BMI)
- नींद के घंटे
- एक्सरसाइज की मात्रा
- शराब/स्मोकिंग की आदत
- रोज़ाना तनाव का स्तर
अगर इनमें कोई भी गड़बड़ हो, तो डॉक्टर से मिलना टालिए मत।
🧬
फैमिली हिस्ट्री भी मायने रखती है
अगर आपके परिवार में कभी किसी
युवा की अचानक मौत हुई
हो या किसी को हृदय
संबंधी समस्या रही
हो, तो आपको
भी स्क्रीनिंग की ज़रूरत है। जिन्हें
पहले कभी बेहोशी
या चक्कर आए
हों, उन्हें
इन संकेतों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
🔍
स्क्रीनिंग टेस्ट कौन-कौन से जरूरी हैं?
- ECG (दिल की लय
जांचने के लिए)
- इकोकार्डियोग्राफी (दिल की मांसपेशियों की स्थिति जांचने
के लिए)
- लिपिड प्रोफाइल टेस्ट
- ब्लड शुगर और HbA1c
- स्ट्रेस टेस्ट (TMT)
- फैमिली हिस्ट्री आधारित जेनेटिक टेस्ट (जरूरत पड़ने पर)
🧘♂️
क्या करें ताकि बचा जा सके?
- रोज़ कम से कम
7–8 घंटे की नींद
लें
- स्मोकिंग और एल्कोहल से दूरी बनाएं
- हर दिन
कम से कम 7000-8000 कदम
तेज़ चाल में चलें
- मानसिक तनाव को कम करने के लिए ध्यान, मेडिटेशन अपनाएं
- और सबसे अहम -
खुद से झूठ बोलना बंद करें।
"दिल
हमेशा इशारा करता है, बस
हम अनदेखा करते हैं।"
अब समय आ गया है कि हम जागरूक
बनें, अपनी
सेहत को प्राथमिकता दें
और रेगुलर
चेकअप को आदत बनाएं।
बीमारी के बाद इलाज ज़रूरी है, लेकिन बीमारी
से पहले रोकथाम सस्ता और असरदार उपाय है।
अपने दिल की सुनिए – क्योंकि जान है, तो जहां है।
No comments:
Post a Comment